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ड्यूटी से लौट रहे सिपाही की दुर्घटना में मौत पर सेवा परिलाभ क्यों नहीं: हाईकोर्ट - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल के ड्यूटी से लौटने के दौरान सड़क दुर्घटना में मौत होने पर उसके आश्रितों को सेवा परिलाभ नहीं देने पर प्रमुख गृह सचिव, डीजीपी और पुलिस आयुक्त सहित पेंशन निदेशक से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court, death of constable in accident
ड्यूटी से लौट रहे सिपाही की दुर्घटना में मौत पर सेवा परिलाभ क्यों नहीं
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Published : Jan 29, 2021, 9:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल के ड्यूटी से लौटने के दौरान सड़क दुर्घटना में मौत होने पर उसके आश्रितों को सेवा परिलाभ नहीं देने पर प्रमुख गृह सचिव, डीजीपी और पुलिस आयुक्त सहित पेंशन निदेशक से जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मृतक की विधवा सरोज देवी की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और हिमाशुं ठोलिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का पति पुलिस मुख्यालय पर तैनात था. घटना की रात 7 अप्रैल 2019 को ड्यूटी पूरी कर घर जाते समय उसकी दुर्घटना में मौत हो गई. वहीं अब पुलिस प्रशासन ऑफिस से घर जाने को ड्यूटी का भाग नहीं मानते हुए ड्यूटी के दौरान मौत होने पर दिए जाने वाले परिलाभों से इनकार कर दिया.

पढ़ें- परिवहन मंत्री खाचरियावास ने आरटीओ और डीटीओ की वीसी के जरिए ली बैठक, सड़क सुरक्षा को लेकर दिए निर्देश

याचिका में कहा गया कि ऑफिस से घर जाने के दौरान यदि कोई घटना होती है तो वह ड्यूटी का ही भाग माना जाना चाहिए. इसके अलावा पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 33 के अनुसार भी पुलिस की ड्यूटी 24 घंटे की कहलाती है. ऐसे में सिपाही की ऑफिस से घर जाते समय एक्सीडेंट में हुई मौत को भी ड्यूटी के दौरान मौत माना जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल के ड्यूटी से लौटने के दौरान सड़क दुर्घटना में मौत होने पर उसके आश्रितों को सेवा परिलाभ नहीं देने पर प्रमुख गृह सचिव, डीजीपी और पुलिस आयुक्त सहित पेंशन निदेशक से जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मृतक की विधवा सरोज देवी की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और हिमाशुं ठोलिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का पति पुलिस मुख्यालय पर तैनात था. घटना की रात 7 अप्रैल 2019 को ड्यूटी पूरी कर घर जाते समय उसकी दुर्घटना में मौत हो गई. वहीं अब पुलिस प्रशासन ऑफिस से घर जाने को ड्यूटी का भाग नहीं मानते हुए ड्यूटी के दौरान मौत होने पर दिए जाने वाले परिलाभों से इनकार कर दिया.

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याचिका में कहा गया कि ऑफिस से घर जाने के दौरान यदि कोई घटना होती है तो वह ड्यूटी का ही भाग माना जाना चाहिए. इसके अलावा पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 33 के अनुसार भी पुलिस की ड्यूटी 24 घंटे की कहलाती है. ऐसे में सिपाही की ऑफिस से घर जाते समय एक्सीडेंट में हुई मौत को भी ड्यूटी के दौरान मौत माना जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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