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Rajasthan High Court Order: 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण पर रोक को लेकर सुनवाई 15 फरवरी तक टली - Ban on construction of buildings higher than 32 meters

Rajasthan High Court Order: राजस्थान हाईकोर्ट ने 32 मीटर से ज्यादा ऊंचाई की बहुमंजिला इमारतों के निर्माण पर लगी रोक के मामले में सुनवाई 15 फरवरी तक टाल दी है.

Rajasthan High Court Order
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Published : Jan 7, 2022, 8:16 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court Order) ने 32 मीटर से ज्यादा ऊंचाई की बहुमंजिला इमारतों के निर्माण पर लगी रोक के मामले में सुनवाई 15 फरवरी तक टाल दी है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया था. जस्टिस नरेन्द्र सिंह और जस्टिस सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश कुणाल रावत की जनहित याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि एजी एमएस सिंघवी ने अदालत से कहा कि बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के लिए लेडर आ चुका है. इसलिए 32 मीटर से ज्यादा ऊंचाई की बिल्डिंग के निर्माण पर लगी रोक को हटाया जाए. वहीं, याचिकाकर्ता ने कहा कि लेडर तो आ चुका है, लेकिन उसका संचालन नहीं किया जा रहा है और न ही उसे नगर निगम को ही सौंपा गया है. इसके अलावा याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार की ओर से पेश प्रार्थना पत्रों का जवाब पेश करने के लिए समय मांगा. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 15 फरवरी तक टाल दी है.

पढ़ें- Rajasthan High Court News: बीवीजी कंपनी मामले में हाईकोर्ट ने आर्बिट्रेशन को लेकर मांगी जानकारी

जनहित याचिका में शहर के विद्याधर नगर में एक मकान में आग लगने से पांच लोगों की मौत का हवाला देते हुए फायर बिग्रेड स्टेशनों में संसाधनों की कमी का मुद्दा उठाया गया है. हाईकोर्ट ने ऊंची इमारतों में लगी आग को बुझाने के लिए हाइड्रोलिक लेडर नहीं आने तक 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण पर रोक लगा दी थी.

स्थानीय क्षेत्राधिकार के लिए बनाया फिजूल पक्षकार, आयोग ने उपभोक्ता पर लगाया हर्जाना

वहीं, जयपुर जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम ने परिवाद की सुनवाई के लिए बिना कारण हवाई टिकट बुक करने वाले एजेंट को पक्षकार बनाने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही आयोग ने उपभोक्ता पर 7500 रुपए का हर्जाना लगाते हुए परिवाद खारिज कर दिया है. आयोग ने हर्जाना राशि एक महीने में बुकिंग एजेंट को देने के आदेश दिए हैं. आयोग ने यह आदेश मोहम्मद हारुन के परिवाद पर दिए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court Order) ने 32 मीटर से ज्यादा ऊंचाई की बहुमंजिला इमारतों के निर्माण पर लगी रोक के मामले में सुनवाई 15 फरवरी तक टाल दी है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया था. जस्टिस नरेन्द्र सिंह और जस्टिस सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश कुणाल रावत की जनहित याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि एजी एमएस सिंघवी ने अदालत से कहा कि बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के लिए लेडर आ चुका है. इसलिए 32 मीटर से ज्यादा ऊंचाई की बिल्डिंग के निर्माण पर लगी रोक को हटाया जाए. वहीं, याचिकाकर्ता ने कहा कि लेडर तो आ चुका है, लेकिन उसका संचालन नहीं किया जा रहा है और न ही उसे नगर निगम को ही सौंपा गया है. इसके अलावा याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार की ओर से पेश प्रार्थना पत्रों का जवाब पेश करने के लिए समय मांगा. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 15 फरवरी तक टाल दी है.

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जनहित याचिका में शहर के विद्याधर नगर में एक मकान में आग लगने से पांच लोगों की मौत का हवाला देते हुए फायर बिग्रेड स्टेशनों में संसाधनों की कमी का मुद्दा उठाया गया है. हाईकोर्ट ने ऊंची इमारतों में लगी आग को बुझाने के लिए हाइड्रोलिक लेडर नहीं आने तक 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण पर रोक लगा दी थी.

स्थानीय क्षेत्राधिकार के लिए बनाया फिजूल पक्षकार, आयोग ने उपभोक्ता पर लगाया हर्जाना

वहीं, जयपुर जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम ने परिवाद की सुनवाई के लिए बिना कारण हवाई टिकट बुक करने वाले एजेंट को पक्षकार बनाने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही आयोग ने उपभोक्ता पर 7500 रुपए का हर्जाना लगाते हुए परिवाद खारिज कर दिया है. आयोग ने हर्जाना राशि एक महीने में बुकिंग एजेंट को देने के आदेश दिए हैं. आयोग ने यह आदेश मोहम्मद हारुन के परिवाद पर दिए.

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