जयपुर. वेटिंग लिस्ट से अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के मामले को लेकर जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह (HC on School Lecturer Recruitment 2018) आदेश नितिन कुमार जैन व अन्य की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि विवादित उत्तरों के मामले में याचिकाकर्ताओं ने पूर्व में याचिका दायर की थी. मामले में हाईकोर्ट ने गत वर्ष 5 अप्रैल को आदेश जारी कर आरपीएससी को विशेषज्ञ कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे.
याचिका में कहा गया कि आयोग ने विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट के बिना ही नियुक्तियां देना शुरू कर दिया है. वहीं, अब वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति दी जा रही है. ऐसे में यदि कमेटी ने उत्तरों के विकल्प बदल दिए तो फिर से संशोधित परिणाम जारी किया जाएगा. इसलिए आयोग को निर्देश दिए जाए कि वह अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दे. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है.
वहीं, राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई मोटर व्हीकल भर्ती-2021 में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्त देने पर रोक लगा दी है. हालांकि, अदालत ने कर्मचारी चयन बोर्ड को छूट दी है कि वह चाहे तो भर्ती का परिणाम जारी कर सकता है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश मनीष कुमार व अन्य की याचिका पर दिए.
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याचिका में अधिवक्ता एमएफ बेग ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने 197 पदों के लिए भर्ती निकाली थी. जिसमें मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की पात्रता रखी गई. याचिका में कहा गया कि चयन बोर्ड ने गत 15 दिसंबर को परिपत्र जारी कर इस पात्रता से उच्च योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को भी भर्ती के पात्र मान लिया. जबकि नियमानुसार इन पदों के लिए सिर्फ डिप्लोमाधारी ही पात्र हैं. इसके अलावा भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के बाद नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता. ऐसे में 15 दिसंबर के परिपत्र को निरस्त किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है.
इसके अलावा राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटा जिले की किशोरपुरा और खेडली तंवरान, बारां जिले की मेरमाचाह व बरवा और करौली जिले की गोठड़ा ग्राम पंचायत में मतदाता सूची तैयार करने का काम चालू रखने को कहा है. वहीं, अदालत ने कहा है कि इस सूची के आधार पर चुनाव नहीं कराए जाए. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश पांचों ग्राम पंचायतों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिकाओं में अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता पंचायतों में वर्ष 2020 में चुनाव हुए थे. वहीं, चुनाव के बाद पांच फरवरी 2020 को पंचायत की पहली मीटिंग भी हो गई थी. वहीं, 25 मार्च 2021 को राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर पंचायतों का पुनर्गठन कर चुनाव कराना तय किया था. याचिकाकर्ताओं की ओर से इसे हाईकोर्ट में चुनौती देने पर राज्य सरकार ने इस अधिसूचना को वापस ले लिया. याचिका में कहा गया कि अब गत 25 फरवरी को अधिसूचना जारी कर नए चुनाव कराने के लिए मतदाता सूचियों का नवीनीकरण किया जा रहा है. जबकि याचिकाकर्ताओं का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने मतदाता सूचियों का काम जारी रखने की छूट देते हुए इसके आधार पर चुनाव नहीं कराने को कहा है.