जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नागौर सहित अन्य जिला संघों की संबद्धता रद्द करने से जुड़े मामले में एकलपीठ की रोक के आदेश के खिलाफ आरसीए की ओर से पेश अपील को निस्तारित कर दिया (Court on RCA appeal on district associations) है. अदालत ने कहा है कि मामले में लोकपाल निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की अपील का निस्तारण करते हुए दिए.
अपील में अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने बताया कि एकलपीठ ने आरसीए के उस एजेंडे पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत नागौर और श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ की संबद्धता को लोकपाल के अंतिम आदेश तक निरस्त किया गया था. अपील में कहा गया कि एकलपीठ के आदेश से लोकपाल को एक तरह से सुनवाई करने से रोक दिया है. जबकि लोकपाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बने आरसीए के विधान के तहत नियुक्त है. लोकपाल के समक्ष मामले की सुनवाई 7 सितंबर को होनी है.
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वहीं जिला संघों की ओर से कहा गया कि जिला संघ पहले ही बीसीसीआई के दिशा-निर्देशों का पालन कर चुके हैं और उनका ललित मोदी व उनके समर्थकों से कोई भी संबंध नहीं है. इसके अलावा 27 अगस्त, 2021 के आदेश में लोकपाल ने भी माना था कि जिला क्रिकेट संघों ने बीसीसीआई की मांग को पूरा कर दिया है. इसलिए इन्हें पूर्ण रूप से आरसीए से संबद्ध माना जाए. इसके अलावा लोकपाल सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश या हाईकोर्ट के पूर्व सीजे ही हो सकते हैं. जबकि वर्तमान लोकपाल हाईकोर्ट के पूर्व जज हैं.
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जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अपील का निस्तारण करते हुए कहा है कि लोकपाल निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है. गौरतलब है कि आरसीए ने गत दिनों श्रीगंगानगर, नागौर और अलवर जिला क्रिकेट संघों की संबद्धता को निरस्त कर दिया था. इसके खिलाफ श्रीगंगानगर और नागौर संघ ने हाईकोर्ट की एकलपीठ में याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दोनों संघों की संबद्धता निरस्त करने पर रोक लगा दी थी. जिसे आरसीए ने खंडपीठ में चुनौती दी थी.