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Rajasthan High Court: दिव्यांग को नियुक्ति देने में नियमों की क्यों नहीं हो रही पालना? - Rajasthan High Court

एलडीसी भर्ती-2013 में चयनित एक दिव्यांग को गृ​ह जिले की जगह अन्यत्र नियुक्ति दी गई. इस संबंध में पीड़ित ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई. इस पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने नियमों के विपरीत नियुक्ति करने पर प्रमुख पंचायती राज सचिव सहित अन्य से जवाब तलब किया (Court on in divyang appointment out of home district) है.

Rajasthan High Court on in divyang appointment out of home district
व्यांग को नियुक्ति देने में नियमों की क्यों नहीं हो रही पालना?
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Published : May 28, 2022, 7:17 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दिव्यांग कर्मचारी को नियमों के विपरीत जाकर गृह जिले में नियुक्त नहीं करने पर प्रमुख पंचायती राज सचिव सहित अन्य से जवाब तलब किया (Court on in divyang appointment out of home district) है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश अभिषेक रावत की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता बाबूलाल बैरवा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सुन और बोल नहीं सकता है. उसका चयन एलडीसी भर्ती-2013 में हुआ था. उसे भीलवाड़ा पंचायत समिति में नियुक्ति दी गई. जबकि राजस्थान दिव्यांग कर्मचारी नियम, 1976 में प्रावधान है कि दिव्यांग कर्मचारियों को उनके गृह जिलों में ही नियुक्ति दी जाएगी. इसके अलावा प्रशासनिक सुधार विभाग के 20 जुलाई, 2020 के आदेश के तहत ऐसे कर्मचारियों को उनके घर के नजदीक नियुक्ति दी जाएगी.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट: दिव्यांग को गृह जिले में नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

इसके बावजूद याचिकाकर्ता को गृह जिले में नियुक्ति ना देकर 250 किलोमीटर दूर नियुक्ति दी गई है. इस संबंध में याचिकाकर्ता ने संबंधित अधिकारियों को अभ्यावेदन भी दिए, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दिव्यांग कर्मचारी को नियमों के विपरीत जाकर गृह जिले में नियुक्त नहीं करने पर प्रमुख पंचायती राज सचिव सहित अन्य से जवाब तलब किया (Court on in divyang appointment out of home district) है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश अभिषेक रावत की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता बाबूलाल बैरवा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सुन और बोल नहीं सकता है. उसका चयन एलडीसी भर्ती-2013 में हुआ था. उसे भीलवाड़ा पंचायत समिति में नियुक्ति दी गई. जबकि राजस्थान दिव्यांग कर्मचारी नियम, 1976 में प्रावधान है कि दिव्यांग कर्मचारियों को उनके गृह जिलों में ही नियुक्ति दी जाएगी. इसके अलावा प्रशासनिक सुधार विभाग के 20 जुलाई, 2020 के आदेश के तहत ऐसे कर्मचारियों को उनके घर के नजदीक नियुक्ति दी जाएगी.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट: दिव्यांग को गृह जिले में नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

इसके बावजूद याचिकाकर्ता को गृह जिले में नियुक्ति ना देकर 250 किलोमीटर दूर नियुक्ति दी गई है. इस संबंध में याचिकाकर्ता ने संबंधित अधिकारियों को अभ्यावेदन भी दिए, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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