जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में प्रदेश के हॉलमार्क सेंटर्स को पॉल्यूशन एनओसी जारी नहीं करने के मामले में दायर याचिका को याचिकाकर्ता राजस्थान हॉलमार्किंग एसोसिएशन ने वापस ले लिया (High court on hallmarking centers pollution NOC case) है. अदालत ने याचिका वापस लेने के आधार पर इसे खारिज कर दिया. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश दिए.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई कि याचिकाकर्ता पंजीकृत संगठन नहीं है. ऐसे में वह संचालकों की ओर से संयुक्त रूप से याचिका पेश नहीं कर सकता है. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि वह इस संबंध में अलग-अलग याचिका पेश करना चाहते हैं. इसलिए याचिका को वापस लेने की अनुमति दी जाए. इस पर अदालत ने याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए उसे खारिज कर दिया है. याचिका में कहा गया था कि भारतीय मानक ब्यूरो ने प्रदेश में संचालित 26 हॉलमार्क सेंटर्स को 7 अप्रैल तक राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल से एनओसी लाने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर ब्यूरो उनके लाइसेंस डेफर कर सकता है.
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याचिका में कहा गया कि इन सेंटर्स ने मंडल में वर्ष 2021 से आवेदन लगा रखे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक तय नहीं किया गया है. वहीं मंडल की ओर से मौखिक रूप से कहा जा रहा है कि इन सेंटर्स को ऑरेंज कैटेगरी में रखा गया है. ऐसे में उन्हें अपने सेंटर औद्योगिक क्षेत्र में शिफ्ट करने होंगे. याचिका में कहा गया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से एनओसी जारी नहीं करने का खामियाजा याचिकाकर्ता के सदस्य नहीं उठा सकते हैं. एनओसी नहीं होने से उनका करोड़ों रुपए का कारोबार प्रभावित होगा.