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हाईकोर्ट: निलंबित IPS मनीष अग्रवाल सहित दलाल की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल, दलाल नीरज मीणा और गोपाल सिंह की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Case of IPS Manish Aggarwal,  Rajasthan High Court Order
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : May 6, 2021, 8:13 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल, दलाल नीरज मीणा और गोपाल सिंह की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद दिए.

पढ़ें- राजस्थान हाईकोर्ट ने चयन के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

जमानत याचिकाओं में कहा गया कि प्रकरण में उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है. उसने ना तो रिश्वत मांगी है और ना ही उससे कोई बरामदगी हुई है. यहां तक कि एसीबी के पास रिश्वत मांगने को लेकर कोई रिकॉर्डिंग भी नहीं है. इसके अलावा प्रकरण से जुड़ी निलंबित आरएएस पिंकी मीणा और पांच लाख रुपए के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार हुए तत्कालीन एसडीएम पुष्कर मित्तल को भी जमानत दी जा चुकी है.

याचिकाओं में यह भी कहा गया कि प्रकरण में एसीबी ने अनुसंधान पूरा कर याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र पेश कर दिया है. ऐसे में उन्हें जमानत दी जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेर सिंह महला ने कहा कि तत्कालीन दौसा एसपी मनीष अग्रवाल के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में भी मामला लंबित है. जिन आरएएस अधिकारियों की जमानत हुई है, उनके खिलाफ अलग से एफआईआर दर्ज हुई थी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल, दलाल नीरज मीणा और गोपाल सिंह की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद दिए.

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जमानत याचिकाओं में कहा गया कि प्रकरण में उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है. उसने ना तो रिश्वत मांगी है और ना ही उससे कोई बरामदगी हुई है. यहां तक कि एसीबी के पास रिश्वत मांगने को लेकर कोई रिकॉर्डिंग भी नहीं है. इसके अलावा प्रकरण से जुड़ी निलंबित आरएएस पिंकी मीणा और पांच लाख रुपए के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार हुए तत्कालीन एसडीएम पुष्कर मित्तल को भी जमानत दी जा चुकी है.

याचिकाओं में यह भी कहा गया कि प्रकरण में एसीबी ने अनुसंधान पूरा कर याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र पेश कर दिया है. ऐसे में उन्हें जमानत दी जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेर सिंह महला ने कहा कि तत्कालीन दौसा एसपी मनीष अग्रवाल के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में भी मामला लंबित है. जिन आरएएस अधिकारियों की जमानत हुई है, उनके खिलाफ अलग से एफआईआर दर्ज हुई थी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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