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जयपुर: सेवा के बावजूद भी क्यों नहीं दिया वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि से एक दिन पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले प्रिंसिपल को वेतन वृद्धि नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित पेंशन निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

राजस्थान हाईकोर्ट, jaipur news
सेवा के बावजूद भी क्यों नहीं दिया वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ...
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Published : Feb 11, 2021, 8:00 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि से एक दिन पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले प्रिंसिपल को वेतन वृद्धि नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित पेंशन निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

हाईकोर्ट ने कहा कि सेवा के बावजूद भी वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ क्यों नहीं दिया गया...

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश छैलबिहारी शर्मा की याचिका पर दिया. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारी को वार्षिक वेतन वृद्धि देने के लिए एक जुलाई तय कर रखी है.

पढ़ें: Special: ईमानदार उपभोक्ता भी भुगत रहे बिजली चोरी की सजा... छीजत बढ़ने से बढ़ा बिल का भार

याचिकाकर्ता प्रिंसिपल पद पर सेवाकाल पूरा करने के बाद तीस जून 2016 को सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन विभाग ने एक जुलाई 2015 से तीस जून 2016 तक दी गई सेवाओं को लेकर वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया. जिसके चलते याचिकाकर्ता की पेंशन और अन्य परिलाभों पर भी फायदा नहीं मिल सका. जबकि, सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि विभाग में एक साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि से एक दिन पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले प्रिंसिपल को वेतन वृद्धि नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित पेंशन निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

हाईकोर्ट ने कहा कि सेवा के बावजूद भी वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ क्यों नहीं दिया गया...

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश छैलबिहारी शर्मा की याचिका पर दिया. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारी को वार्षिक वेतन वृद्धि देने के लिए एक जुलाई तय कर रखी है.

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याचिकाकर्ता प्रिंसिपल पद पर सेवाकाल पूरा करने के बाद तीस जून 2016 को सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन विभाग ने एक जुलाई 2015 से तीस जून 2016 तक दी गई सेवाओं को लेकर वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया. जिसके चलते याचिकाकर्ता की पेंशन और अन्य परिलाभों पर भी फायदा नहीं मिल सका. जबकि, सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि विभाग में एक साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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