जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद पंचायती राज विभाग के अधीन तैनात एईएन को पदावनत करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने एसीएस पंचायती राज अपर्णा अरोड़ा और आयुक्त पीसी किशन को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया (Contempt notice on demotion of AEN) है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता की एकलपीठ ने यह आदेश जितेन्द्र कुमार चौधरी व अन्य की अवमानना याचिका पर दिए.
याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता हनुमान चौधरी और अधिवक्ता तरूण चौधरी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता जून 2010 में जेईएन से एईएन पदोन्नत किए गए थे. इस दौरान उनके जेईएन पद पर तय अनुभव में छह दिन कम थे, लेकिन राज्य सरकार ने अपने स्तर पर उन्हें नियमानुसार शिथिलता देकर पदोन्नत कर दिया था. वहीं 5 अक्टूबर, 2021 को उन्हें पदावनत कर वापस जेईएन बना दिया (AEN demoted to JEN) गया. इसके खिलाफ याचिका दायर करने पर अदालत ने 28 अक्टूबर, 2021 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ताओं को पदावनत करने के आदेश पर रोक लगा दी.
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याचिका में कहा गया कि अदालती रोक के बावजूद भी विभाग ने 15 दिसंबर, 2021 को जारी जेईएन पद की वरिष्ठता सूची में याचिकाकर्ताओं को शामिल कर लिया. याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश की रोक के बावजूद विभाग की ओर से की गई यह कार्रवाई अवमानना कारक है. ऐसे में दोषी अधिकारियों को अवमानना के लिए दंडित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.