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Rajasthan High Court: अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर पीएचईडी सचिव और चीफ इंजीनियर को अवमानना नोटिस

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए पीएचईडी सचिव सुधांश पंत और चीफ इंजीनियर (Answer sought from PHED Secretary and Chief Enginee)को अवमानना नोटिस जारी किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश दिए हैं.

Rajasthan High Court hearing
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Jan 24, 2022, 8:10 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Cour) ने अदालती आदेश के बावजूद कनिष्ठ अभियंता को एईएन पद पर पदोन्नत नहीं करने पर प्रमुख पीएचईडी सचिव सुधांश पंत और चीफ इंजीनियर राकेश बुहाडिया को (Rajasthan High Court issue contempt notice) अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश उर्वशी दीक्षित व अन्य की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता आरपी सैनी ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने गत वर्ष 26 अगस्त को आदेश दिए थे कि याचिकाकर्ताओं की बीटेक की डिग्री की उनकी सर्विस बुक में एंट्री करते हुए उन्हें एईएन पद पर पदोन्नति दी जाए. याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के बाद भी याचिकाकर्ताओं को एईएन पद की पदोन्नति प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है.

पढ़ेंः Jaipur Bar Association treasurer Death मामले की जांच अति. पुलिस अधीक्षक से कराने के निर्देश

ऐसे में अवमाननाकर्ता दोषी अफसरों को अदालती आदेश की अवमानना के लिए दंडित किया जाए और याचिकाकर्ताओं को एईएन पद पर पदोन्नत किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना के कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Cour) ने अदालती आदेश के बावजूद कनिष्ठ अभियंता को एईएन पद पर पदोन्नत नहीं करने पर प्रमुख पीएचईडी सचिव सुधांश पंत और चीफ इंजीनियर राकेश बुहाडिया को (Rajasthan High Court issue contempt notice) अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश उर्वशी दीक्षित व अन्य की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता आरपी सैनी ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने गत वर्ष 26 अगस्त को आदेश दिए थे कि याचिकाकर्ताओं की बीटेक की डिग्री की उनकी सर्विस बुक में एंट्री करते हुए उन्हें एईएन पद पर पदोन्नति दी जाए. याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के बाद भी याचिकाकर्ताओं को एईएन पद की पदोन्नति प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है.

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ऐसे में अवमाननाकर्ता दोषी अफसरों को अदालती आदेश की अवमानना के लिए दंडित किया जाए और याचिकाकर्ताओं को एईएन पद पर पदोन्नत किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना के कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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