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Rajasthan High Court: समय पर जवाब पेश नहीं करने पर चिकित्सा विभाग पर जुर्माना

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने लंबित याचिका में बार-बार समय देने के बावजूद जवाब पेश नहीं करने पर चिकित्सा विभाग पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

High court imposed fine on medical department
हाईकोर्ट ने चिकित्सा विभाग पर लगाया जुर्माना
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Published : Nov 25, 2021, 4:42 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने नर्स ग्रेड सेकंड (Nurse Grade Second) के पद पर कार्यरत कर्मचारियों को लंबे समय से वेतन नहीं देने के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने लंबित याचिका में बार-बार समय देने के बावजूद जवाब पेश नहीं करने पर चिकित्सा विभाग (fine on medical department) पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

अदालत ने कहा है कि जुर्माना राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (State Legal Services Authority) में जमा कराई जाए. वहीं अदालत ने प्रकरण की सुनवाई तीन दिसंबर को तय करते हुए स्पष्ट किया है कि यदि जवाब पेश नहीं किया गया तो प्रकरण को मेरिट पर सुनकर तय कर दिया जाएगा. जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल ने यह आदेश रामचरण शर्मा और अन्य की याचिका पर दिए.

पढ़ें. Rajasthan High Court: दौसा कलेक्टर को हाईकोर्ट ने किया जमानती वारंट से तलब

सुनवाई के दौरान विभाग के अधिवक्ता ने जवाब पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा. इसपर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 14 दिसंबर 2020 को जवाब के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया था. इसके बाद गत 14 अप्रैल 2021 को फिर से दो सप्ताह का समय देते हुए जवाब पेश करने का अंतिम मौका दिया गया था. वहीं विभाग ने 28 जुलाई को फिर से चार सप्ताह का समय मांग लिया. इसके बावजूद अब एक बार फिर से जवाब के लिए समय मांगा जा रहा है.

ऐसे में राज्य सरकार पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए समय दिया जा रहा है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्योजीराम शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता टोंक जिले में नर्स ग्रेड सेकंड के पद पर कार्यरत हैं. विभाग ने करीब डेढ़ साल से उनका वेतन रोक रखा है. इस संबंध में कई बार लिखित में प्रार्थना पत्र देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने नर्स ग्रेड सेकंड (Nurse Grade Second) के पद पर कार्यरत कर्मचारियों को लंबे समय से वेतन नहीं देने के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने लंबित याचिका में बार-बार समय देने के बावजूद जवाब पेश नहीं करने पर चिकित्सा विभाग (fine on medical department) पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

अदालत ने कहा है कि जुर्माना राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (State Legal Services Authority) में जमा कराई जाए. वहीं अदालत ने प्रकरण की सुनवाई तीन दिसंबर को तय करते हुए स्पष्ट किया है कि यदि जवाब पेश नहीं किया गया तो प्रकरण को मेरिट पर सुनकर तय कर दिया जाएगा. जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल ने यह आदेश रामचरण शर्मा और अन्य की याचिका पर दिए.

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सुनवाई के दौरान विभाग के अधिवक्ता ने जवाब पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा. इसपर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 14 दिसंबर 2020 को जवाब के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया था. इसके बाद गत 14 अप्रैल 2021 को फिर से दो सप्ताह का समय देते हुए जवाब पेश करने का अंतिम मौका दिया गया था. वहीं विभाग ने 28 जुलाई को फिर से चार सप्ताह का समय मांग लिया. इसके बावजूद अब एक बार फिर से जवाब के लिए समय मांगा जा रहा है.

ऐसे में राज्य सरकार पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए समय दिया जा रहा है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्योजीराम शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता टोंक जिले में नर्स ग्रेड सेकंड के पद पर कार्यरत हैं. विभाग ने करीब डेढ़ साल से उनका वेतन रोक रखा है. इस संबंध में कई बार लिखित में प्रार्थना पत्र देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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