ETV Bharat / city

Rajasthan High Court: दोनों निगम आयुक्त पेश होकर शहर की सफाई व्यवस्था के हालातों की दें जानकारी - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर शहर की सफाई व्यवस्था के मामले (High Court hearing on the cleanliness system) की सुनवाई करते हुए ग्रेटर व हेरिटेज निगम के आयुक्तों को बुधवार को पेश होने के आदेश दिए हैं.

cleanliness system of Jaipur city,  commissioner of the corporation
राजस्थान हाईकोर्ट.
author img

By

Published : Sep 20, 2022, 7:07 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर ग्रेटर और हेरिटेज (High Court hearing on the cleanliness system) नगर निगम के आयुक्तों को बुधवार को पेश होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने दोनों अधिकारियों से पूछा है कि शहर में पुख्ता सफाई व्यवस्था के लिए क्या किया जा रहा है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि शहर में सफाई की अच्छी व्यवस्था है. शहर के कचरा डिपो हटाने का निर्णय लिया गया है और अब तीन हजार के बजाए करीब दो सो कचरा डिपो ही रह गए हैं. वहीं न्यायमित्र विमल चौधरी ने कहा कि मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है. कमेटी आदेश दे देती है, लेकिन उनकी पालना नहीं की जाती. शहर की सफाई व्यवस्था सिर्फ कागजों में ही चल रही है.

पढ़ेंः सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अब निगम डालेगा आमजन की जेब भार, निगम वसूलेगा यूजर चार्जेज

सुनवाई के दौरान अदालत ने न्यायमित्र से पूछा कि इंदौर में सफाई का पुख्ता इंतजाम किस तरह किया जाता है. इस पर न्यायमित्र ने कहा कि वहां सफाई पर सालाना सिर्फ 300 करोड़ रुपए ही खर्च होता है. जबकि शहर में 1700 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन फिर भी यहां सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है. न्यायमित्र ने आरोप लगाया कि इंदौर में ईमानदारी से काम होता है और यहां भ्रष्टाचार व्याप्त है. शहर में आठ हजार दौ सौ सफाई कर्मचारी बताए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर कितने सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं.

पढ़ेंः Jaipur Municipal Corporation : कचरे के ढेर पर शहर, अधूरे संसाधनों के साथ बीवीजी को किया जा रहा बाय-बाय

कई सफाई कर्मचारी कार्यालयों में दूसरे काम कर रहे हैं. ऐसे में कमेटी का अध्यक्ष होने के नाते मुख्य सचिव को बुलाना चाहिए. इस पर अदालत ने ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगमों के आयुक्तों को 21 सितंबर को पेश होने के आदेश दिए हैं. बता दें कि हाइकोर्ट ने शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर वर्ष 2012 में राज्य सरकार और नगर निगम को 16 बिन्दुओं पर दिशा निर्देश दिए थे.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर ग्रेटर और हेरिटेज (High Court hearing on the cleanliness system) नगर निगम के आयुक्तों को बुधवार को पेश होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने दोनों अधिकारियों से पूछा है कि शहर में पुख्ता सफाई व्यवस्था के लिए क्या किया जा रहा है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि शहर में सफाई की अच्छी व्यवस्था है. शहर के कचरा डिपो हटाने का निर्णय लिया गया है और अब तीन हजार के बजाए करीब दो सो कचरा डिपो ही रह गए हैं. वहीं न्यायमित्र विमल चौधरी ने कहा कि मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है. कमेटी आदेश दे देती है, लेकिन उनकी पालना नहीं की जाती. शहर की सफाई व्यवस्था सिर्फ कागजों में ही चल रही है.

पढ़ेंः सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अब निगम डालेगा आमजन की जेब भार, निगम वसूलेगा यूजर चार्जेज

सुनवाई के दौरान अदालत ने न्यायमित्र से पूछा कि इंदौर में सफाई का पुख्ता इंतजाम किस तरह किया जाता है. इस पर न्यायमित्र ने कहा कि वहां सफाई पर सालाना सिर्फ 300 करोड़ रुपए ही खर्च होता है. जबकि शहर में 1700 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन फिर भी यहां सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है. न्यायमित्र ने आरोप लगाया कि इंदौर में ईमानदारी से काम होता है और यहां भ्रष्टाचार व्याप्त है. शहर में आठ हजार दौ सौ सफाई कर्मचारी बताए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर कितने सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं.

पढ़ेंः Jaipur Municipal Corporation : कचरे के ढेर पर शहर, अधूरे संसाधनों के साथ बीवीजी को किया जा रहा बाय-बाय

कई सफाई कर्मचारी कार्यालयों में दूसरे काम कर रहे हैं. ऐसे में कमेटी का अध्यक्ष होने के नाते मुख्य सचिव को बुलाना चाहिए. इस पर अदालत ने ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगमों के आयुक्तों को 21 सितंबर को पेश होने के आदेश दिए हैं. बता दें कि हाइकोर्ट ने शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर वर्ष 2012 में राज्य सरकार और नगर निगम को 16 बिन्दुओं पर दिशा निर्देश दिए थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.