जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट शराब कारोबारियों को राहत देते हुए लॉकडाउन की अवधि में एक्सक्लूसिव प्रिवलेज राशि की मासिक किस्त का 40 फीसदी ही जमा कराने को कहा है. अदालत ने कहा कि शराब कारोबार सामान्य होने के बाद शेष राशि का समायोजन किया जाएगा. इसके साथ ही अदालत ने उठाई गई शराब का आबकारी शुल्क देने को कहा है. न्यायाधीश महेन्द्र गोयल ने यह आदेश सोहनलाल गुर्जर और अन्य की याचिका पर दिए.
अदालत ने कहा कि कोविड के चलते शराब कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. दुकानें भी सुबह 6 बजे से सुबह 11 बजे तक ही खोलने की अनुमति है. याचिकाओं में कहा गया कि कोविड के चलते याचिकाकर्ता अपना व्यवसाय नियमित चलाने में असमर्थ हो गए हैं. राज्य सरकार ने शराब दुकानों को भी दिन में केवल 5 घंटे ही खोलने की अनुमति दी है. यह समय भी सुबह 6 बजे से सुबह 11 बजे तक का ही है.
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याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने समय-समय पर आदेश जारी कर विभिन्न विभागों को राजस्व एकत्रित करने को लेकर छूट दी है. याचिकाकर्ता उठाई गई शराब पर आबकारी शुल्क देने को तैयार हैं, लेकिन वे इस अवधि में एक्सक्लूसिव प्रिवलेज राशि की मासिक किस्त का भुगतान करने में असमर्थ हैं, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता शराब कारोबारियों को राहत देते हुए मासिक किस्त का 40 फीसदी जमा कराने को कहा है.