ETV Bharat / city

डिबेट में की गई टिप्पणी जानबूझकर अदालत की अवमानना नहीं : HC - etvbharat news

पूनम चंद भंडारी की अवमानना याचिका को खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने टीवी पर बहस के दौरान न्यायाधीश के खिलाफ बयानबाजी की थी. इससे यह नहीं माना जा सकता कि उन्होंने जानबूझकर न्यायालय की अवमानना की है.

rajasthan highcourt,  jaipur news,  राजस्थान हाइकोर्ट, जयपुर की खबर,  rajasthan news,  rajasthan hindi news,  etvbharat news
हाईकोर्ट ने याचिका खारिज किया
author img

By

Published : Jun 11, 2020, 7:55 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने टीवी पर बहस के दौरान न्यायाधीश के खिलाफ बयानबाजी की थी. इससे यह नहीं माना जा सकता कि उन्होंने जानबूझकर न्यायालय की अवमानना की है.

इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर अवमानना याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश पूनम चंद भंडारी की अवमानना याचिका को खारिज करते हुए दिए है.

पढ़ेंः अगस्त में हो सकते हैं पंचायतों के चौथे चरण के चुनाव

याचिका में कहा गया कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने गत 2 मार्च को निजी टीवी चैनल की डिबेट में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस मुरलीधर के खिलाफ टिप्पणी की थी, जो कि न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आता है. ऐसे में प्रेम शुक्ला के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई आरंभ की जाए.

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि शुक्ला ने टीवी डिबेट में यह बयान दिया है जो कि जानबूझकर न्यायिक प्रक्रिया में दखल के दायरे में नहीं आता है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता पर भारी हर्जाना लगाने की चेतावनी दी है. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि अदालत जितना चाहे हर्जाना लगा सकती है. हालांकि, बाद में अदालत बिना हर्जाना लगाए ही अवमानना याचिका को खारिज कर दिया.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने टीवी पर बहस के दौरान न्यायाधीश के खिलाफ बयानबाजी की थी. इससे यह नहीं माना जा सकता कि उन्होंने जानबूझकर न्यायालय की अवमानना की है.

इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर अवमानना याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश पूनम चंद भंडारी की अवमानना याचिका को खारिज करते हुए दिए है.

पढ़ेंः अगस्त में हो सकते हैं पंचायतों के चौथे चरण के चुनाव

याचिका में कहा गया कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने गत 2 मार्च को निजी टीवी चैनल की डिबेट में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस मुरलीधर के खिलाफ टिप्पणी की थी, जो कि न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आता है. ऐसे में प्रेम शुक्ला के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई आरंभ की जाए.

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि शुक्ला ने टीवी डिबेट में यह बयान दिया है जो कि जानबूझकर न्यायिक प्रक्रिया में दखल के दायरे में नहीं आता है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता पर भारी हर्जाना लगाने की चेतावनी दी है. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि अदालत जितना चाहे हर्जाना लगा सकती है. हालांकि, बाद में अदालत बिना हर्जाना लगाए ही अवमानना याचिका को खारिज कर दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.