जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उप निरीक्षक भर्ती 2016 की शारीरिक दक्षता परीक्षा में बीमारी की वजह से भाग नहीं लेने पर अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया से बाहर करने को गलत माना है. अदालत ने कहा है कि बीमारी की सूचना संबंधित जानकारी अधिकारियों को देने पर अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए था. वहीं अदालत ने 10 दिन में याचिकाकर्ता अभ्यर्थी के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा आयोजित कर चयन प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश दीपक खटाना की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि भर्ती की दक्षता परीक्षा 27 सितंबर 2019 को प्रस्तावित थी, लेकिन याचिकाकर्ता को 23 सितंबर को डेंगू होने के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. याचिकाकर्ता ने इसकी सूचना पुलिस के अधिकारियों और भर्ती एजेंसी को भेजते हुए उसकी दक्षता परीक्षा को स्थगित करने की गुहार लगाई थी, लेकिन परीक्षा को आगे नहीं बढ़ाया गया.
वहीं याचिकाकर्ता को दक्षता परीक्षा में अनुपस्थित बताते हुए चयन से बाहर कर दिया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थी के लिए 10 दिन में शारीरिक दक्षता परीक्षा आयोजित कर चयन होने पर नियुक्ति देने को कहा है.
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स्कूल व्याख्याता भर्ती में नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब..
राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल व्याख्याता भर्ती 2018 में उत्तीर्ण होने के बावजूद अभ्यर्थी का चयन प्रक्रिया से बाहर करने पर आरपीएससी सचिव, शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश नीरज अघाना की ओर से दायर याचिका पर दिए हैं.
याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने स्कूल व्याख्याता के कृषि विषय के लिए आवेदन किया था. याचिकाकर्ता की ओर से भर्ती की लिखित परीक्षा पास कर ली गई थी. वहीं याचिकाकर्ता के पास काउंसलिंग के समय सभी योग्यता थी इसके बावजूद भी उसको चयन प्रक्रिया से वंचित किया गया.