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फीस वसूली पर सुनवाई टली, शिक्षक ने पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र किया पेश

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Published : Nov 3, 2020, 7:20 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट में निजी स्कूलों की फीस वसूली से जुड़े मामले में सुनवाई टल गई है. प्रकरण में अब संभवत मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ सुनवाई करेगी. प्रकरण मंगलवार को न्यायाधीश सबीना की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध था, लेकिन वाद सूची में ही प्रकरण की सुनवाई टालने की सूचना दे दी गई.

school fees, rajasthan high court
स्कूल फीस वसूली पर सुनवाई टली

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में निजी स्कूलों की फीस वसूली से जुड़े मामले में सुनवाई टल गई है. प्रकरण में अब संभवत मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ सुनवाई करेगी. प्रकरण मंगलवार को न्यायाधीश सबीना की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध था, लेकिन वाद सूची में ही प्रकरण की सुनवाई टालने की सूचना दे दी गई. पूर्व में भी सुनवाई के दौरान न्यायाधीश सबीना प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश से करने की मंशा जता चुकी हैं.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार से नियमित होगी सुनवाई, ई-पास के जरिए होगा वकीलों और पक्षकारों का प्रवेश

मामले में एक निजी स्कूल के शिक्षक अविनाश राजोरा की ओर से पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र पेश किया गया है. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि निजी स्कूलों ने करीब 75 फीसदी स्टाफ को नौकरी से निकाल दिया है. प्रार्थी को भी दो माह का आधा वेतन दिया गया. इसके अलावा उसके स्कूल से करीब तीन दर्जन शिक्षकों को बाहर कर दिया गया है. वहीं स्कूल संचालक विद्यार्थियों पर दबाव डालकर फीस वसूल कर रहे हैं. ऐसे में शिक्षकों का पक्ष भी सुना जाए.

मामले के अनुसार प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत 7 सितंबर को निजी स्कूलों को 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूल करने की छूट दी थी. राज्य सरकार व अन्य की ओर से इस आदेश के खिलाफ दायर अपील पर खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को अंतरिम रूप से फीस निर्धारित करने को कहा था. जिसकी पालना में राज्य सरकार ने सीबीएसई की कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों की ट्यूशन फीस का 70 फीसदी और राजस्थान बोर्ड की कक्षाओं की ट्यूशन फीस का 60 फीसदी वसूलना तय किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में निजी स्कूलों की फीस वसूली से जुड़े मामले में सुनवाई टल गई है. प्रकरण में अब संभवत मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ सुनवाई करेगी. प्रकरण मंगलवार को न्यायाधीश सबीना की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध था, लेकिन वाद सूची में ही प्रकरण की सुनवाई टालने की सूचना दे दी गई. पूर्व में भी सुनवाई के दौरान न्यायाधीश सबीना प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश से करने की मंशा जता चुकी हैं.

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मामले में एक निजी स्कूल के शिक्षक अविनाश राजोरा की ओर से पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र पेश किया गया है. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि निजी स्कूलों ने करीब 75 फीसदी स्टाफ को नौकरी से निकाल दिया है. प्रार्थी को भी दो माह का आधा वेतन दिया गया. इसके अलावा उसके स्कूल से करीब तीन दर्जन शिक्षकों को बाहर कर दिया गया है. वहीं स्कूल संचालक विद्यार्थियों पर दबाव डालकर फीस वसूल कर रहे हैं. ऐसे में शिक्षकों का पक्ष भी सुना जाए.

मामले के अनुसार प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत 7 सितंबर को निजी स्कूलों को 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूल करने की छूट दी थी. राज्य सरकार व अन्य की ओर से इस आदेश के खिलाफ दायर अपील पर खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को अंतरिम रूप से फीस निर्धारित करने को कहा था. जिसकी पालना में राज्य सरकार ने सीबीएसई की कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों की ट्यूशन फीस का 70 फीसदी और राजस्थान बोर्ड की कक्षाओं की ट्यूशन फीस का 60 फीसदी वसूलना तय किया है.

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