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Rajasthan High Court : सेवानिवृत शिक्षक से रिकवरी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, पेंशन खाते से हो रही थी कटौती

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक सेवानिवृत्त शिक्षक के पेंशन खाते से काटी जा रही रिकवरी पर रोक लगाई (Court stays deduction from retired teacher pension) है. कोर्ट ने इसके साथ ही प्रमुख शिक्षा सचिव और निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. दरअसल, याचिकाकर्ता शिक्षक के पेंशन से कटौती यह कहकर की जा रही है कि उसके उपार्जित अवकाश की गणना गलत हो गई और दो बार भुगतान कर दिया गया था.

Rajasthan High court stays deduction from retired teacher pension
सेवानिवृत शिक्षक से रिकवरी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, पेंशन खाते से हो रही थी कटौती
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Published : Jun 21, 2022, 8:46 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त शिक्षक को राहत देते हुए उसके पेंशन खाते से की जा रही रिकवरी पर रोक लगा दी (Court stays deduction from retired teacher pension) है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव और निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश बनवारी लाल गोयल की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रमाकांत गौतम ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता गत 28 फरवरी को सेवानिवृत्त हुआ था. सेवानिवृत्ति से छह माह पूर्व संस्था प्रधान को याचिकाकर्ता के सेवा संबंधी दस्तावेज पेंशन विभाग को भिजवाए जाने थे, ताकि उसकी समय पर पेंशन शुरू हो सके. इसके बावजूद संस्था प्रधान ने दुर्भावनावश देरी से दस्तावेज भिजवाए, जिसके कारण याचिकाकर्ता को पेंशन परिलाभ का भुगतान देरी से हुआ. वहीं उसके उपार्जित अवकाश की गणना कर दो बार गलत भुगतान का हवाला देकर पेंशन खाते से रिकवरी भी की जा रही है.

पढ़ें: डूंगरपुर: 3500 पेंशनधारियों का मनीऑर्डर से पेंशन का रास्ता बंद, बैंक खाते से ही मिलेगी पेंशन

याचिका में कहा गया है कि नियमों के तहत यदि तय समय से पेंशन शुरू नहीं होती है, तो सेवानिवृत्त कर्मचारी नौ फीसदी ब्याज का भी अधिकारी होता है. ऐसे में याचिकाकर्ता से की जा रही रिकवरी पर रोक लगाए जाए और उसे नौ फीसदी ब्याज का भुगतान कराया जाए. याचिका पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए रिकवरी आदेश पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त शिक्षक को राहत देते हुए उसके पेंशन खाते से की जा रही रिकवरी पर रोक लगा दी (Court stays deduction from retired teacher pension) है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव और निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश बनवारी लाल गोयल की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रमाकांत गौतम ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता गत 28 फरवरी को सेवानिवृत्त हुआ था. सेवानिवृत्ति से छह माह पूर्व संस्था प्रधान को याचिकाकर्ता के सेवा संबंधी दस्तावेज पेंशन विभाग को भिजवाए जाने थे, ताकि उसकी समय पर पेंशन शुरू हो सके. इसके बावजूद संस्था प्रधान ने दुर्भावनावश देरी से दस्तावेज भिजवाए, जिसके कारण याचिकाकर्ता को पेंशन परिलाभ का भुगतान देरी से हुआ. वहीं उसके उपार्जित अवकाश की गणना कर दो बार गलत भुगतान का हवाला देकर पेंशन खाते से रिकवरी भी की जा रही है.

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याचिका में कहा गया है कि नियमों के तहत यदि तय समय से पेंशन शुरू नहीं होती है, तो सेवानिवृत्त कर्मचारी नौ फीसदी ब्याज का भी अधिकारी होता है. ऐसे में याचिकाकर्ता से की जा रही रिकवरी पर रोक लगाए जाए और उसे नौ फीसदी ब्याज का भुगतान कराया जाए. याचिका पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए रिकवरी आदेश पर रोक लगा दी है.

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