जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सेंड स्टोन परिवहन के लिए अव्यवहारिक शर्ते लगाने पर परिवहन आयुक्त, खान सचिव और अधीक्षक खान अभियंता, कोटा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश बूंदी सेंड स्टोन माइन्स एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने अदालत को बताया कि गत 27 दिसंबर को परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर ओवर लोड वाहन मिलने पर खनन पट्टाधारी और संबंधित धर्मकांटा संचालक के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया. वहीं इससे पहले खान विभाग ने 3 सितंबर 2019 को आदेश जारी कर खनन सामग्री के वाहन को धर्मकांटा तक तथा वहां से गन्तव्य स्थल तक पहुंचने के लिए किलोमीटर के अनुपात में समय तय कर दिया.
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इसके तहत परिवहन विभाग ने प्रावधान किया कि एक हजार से अधिक किलोमीटर की दूरी के लिए तीन घंटे में रवन्ना बनाने और इसकी वैद्यता पचास घंटे तक ही कर दी. यदि वाहन इस अवधि मे गन्तव्य तक नहीं पहुंचता तो उसे अवैध परिवहन की श्रेणी में माना जाएगा.
याचिका में कहा गया कि उन पर राजस्थान माइनर मिनरल कन्सेशन नियम, 2017 लागू होते हैं. एक बार रवन्ना बनने के बाद अवैध परिवहन नहीं हो सकता. वहीं खनन परिवहन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं होता. याचिका में यह भी कहा गया कि परिवहन विभाग को याचिकाकर्ता को आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.