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राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा- बिना वसूली क्यों नहीं किया जा रहा पुलिस कांस्टेबल को रिलीव

राजस्थान हाईकोर्ट ने आगंनबाड़ी वर्कर के पद पर चयनित पुलिस कांस्टेबल से वेतन की रिकवरी किए बिना रिलीव नहीं करने को लेकर गृह सचिव, डीजीपी और पुलिस आयुक्त सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jun 1, 2021, 8:26 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह सचिव, डीजीपी और पुलिस आयुक्त सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि आगंनबाड़ी वर्कर के पद पर चयनित पुलिस कांस्टेबल से वेतन की रिकवरी किए बिना रिलीव क्यों नहीं किया जा रहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश बताशी देवी की याचिका पर दिए.

पढ़ें: नर्सिंग केयर ने मोबाइल के जरिए कैसे ठगी 4 लाख रुपए, जानिए

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि याचिकाकर्ता प्रशिक्षण खर्च का भुगतान कर देता है तो उसकी एनओसी जारी कर दी जाए. याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पुलिस कांस्टेबल के पद पर तैनात है. वहीं अब उसका चयन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर हो चुका है. पुलिस प्रशासन की ओर से याचिकाकर्ता को रिलीव करने के बदले प्रशिक्षण शुल्क और अब तक दिए गए वेतन की रिकवरी कर रहा है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सिर्फ प्रशिक्षण पर किए गए खर्च की वसूली ही हो सकती है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने प्रशिक्षण शुल्क जमा कराने पर एनओसी जारी करने के निर्देश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

कोरोना में मदद

कोरोना से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ-साथ लोग व्यक्तिगत रूप से भी आगे आ रहे हैं. मंगलवार को महेश नगर निवासी आरपी सैनी और अनीता सैनी ने जरूरतमंद लोगों को राशन किट वितरित की. इस मौके पर कांग्रेस नेता अर्चना शर्मा और ग्रेटर नगर निगम के वार्ड नंबर 140 की पार्षद तारा बेनीवाल भी उपस्थित रही.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह सचिव, डीजीपी और पुलिस आयुक्त सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि आगंनबाड़ी वर्कर के पद पर चयनित पुलिस कांस्टेबल से वेतन की रिकवरी किए बिना रिलीव क्यों नहीं किया जा रहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश बताशी देवी की याचिका पर दिए.

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इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि याचिकाकर्ता प्रशिक्षण खर्च का भुगतान कर देता है तो उसकी एनओसी जारी कर दी जाए. याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पुलिस कांस्टेबल के पद पर तैनात है. वहीं अब उसका चयन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर हो चुका है. पुलिस प्रशासन की ओर से याचिकाकर्ता को रिलीव करने के बदले प्रशिक्षण शुल्क और अब तक दिए गए वेतन की रिकवरी कर रहा है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सिर्फ प्रशिक्षण पर किए गए खर्च की वसूली ही हो सकती है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने प्रशिक्षण शुल्क जमा कराने पर एनओसी जारी करने के निर्देश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

कोरोना में मदद

कोरोना से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ-साथ लोग व्यक्तिगत रूप से भी आगे आ रहे हैं. मंगलवार को महेश नगर निवासी आरपी सैनी और अनीता सैनी ने जरूरतमंद लोगों को राशन किट वितरित की. इस मौके पर कांग्रेस नेता अर्चना शर्मा और ग्रेटर नगर निगम के वार्ड नंबर 140 की पार्षद तारा बेनीवाल भी उपस्थित रही.

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