जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर के डीग के कुछ गांवों की कृषि भूमि पर सालों से हो रहे (waterlogging in thousands of acres of land) जलभराव के मामले में मुख्य सचिव, प्रमुख वित्त सचिव और प्रमुख जल संसाधन सचिव, निदेशक केनाल सहित अन्य से जवाब मांगा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश गजाधर शर्मा की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता डीडी खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि डीग उपखंड के गांव सामाई और नगला दांदू सहित अन्य गांवों की करीब दो हजार एकड़ कृषि भूमि में करीब दो दशक से जलभराव की समस्या बनी हुई है. इस जमीन में से अधिकांश भूमि इंदिरा गांधी योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं ओबीसी वर्ग को आवंटित की गई थी. याचिका में कहा गया कि जलभराव होने के बावजूद यहां के किसानों को आज तक कोई मुआवजा नहीं मिला है.
जिसके चलते कई लोग यहां से पलायन भी कर गए हैं. याचिका में यह भी कहा गया कि यहां से गुजरने वाली फीडर नहर में लीकेज होने की वजह से भी इस भूमि पर पानी भरा रहता है. इस नहर का निर्माण वैज्ञानिक तरीके से नहीं किया गया है. वहीं यह जमीन भी अन्य स्थान के मुकाबले नीचे है. इस संबंध में अधिकारियों को कई बार लिखित में शिकायत दी गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.