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जांच अधिकारी पेश हो, वरना पुलिस आयुक्त पेश होकर दें स्पष्टीकरण: HC - Judge Mahendra Kumar Goel

मादक पदार्थ तस्करी से जुड़े मामले में जांच अधिकारी के अदालत में पेश नहीं होने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई हैं. अदालत ने जांच अधिकारी को 14 मई को पेश होने को कहा है. ऐसा नहीं होने पर अदालत ने पुलिस आयुक्त को पेश होकर इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं.

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राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : May 13, 2020, 7:08 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ तस्करी से जुड़े मामले में बार-बार बुलाने के बावजूद जांच अधिकारी के पेश नहीं होने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने 14 मई को जांच अधिकारी को पेश होने को कहा है. ऐसा नहीं होने पर अदालत ने पुलिस आयुक्त को पेश होकर इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं.

न्यायाधीश महेंद्र कुमार गोयल ने यह आदेश गौरव सोनी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सरकारी वकील शेर सिंह महला ने अदालत को बताया कि उनकी ओर से दो बार जांच अधिकारी को अदालती आदेश की जानकारी देते हुए पेश होने को कहा जा चुका है.

पढ़ें- मास्क नहीं पहनने पर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के खिलाफ याचिका दायर

गौरतलब है कि बजाज नगर थाना पुलिस ने गत 21 फरवरी को याचिकाकर्ता को 140 मिलीग्राम एलएसडी ड्रग के साथ गिरफ्तार किया था. याचिकाकर्ता की ओर से जमानत अर्जी में कहा गया कि पुलिस ने ड्रग का वजन पुड़िया के साथ किया था. जिसके चलते उसका वजन बढ़ गया.

वहीं, राज्य सरकार का कहना था कि पुड़िया के साथ ड्रग का वजन 227 मिलीग्राम था. ऐसे में अदालत जांच अधिकारी से जानना चाहती थी कि वे इतनी सूक्ष्म वजन की गणना कैसे करते हैं. लेकिन बार-बार बुलाने के बावजूद जांच अधिकारी अदालत में पेश नहीं हुए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ तस्करी से जुड़े मामले में बार-बार बुलाने के बावजूद जांच अधिकारी के पेश नहीं होने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने 14 मई को जांच अधिकारी को पेश होने को कहा है. ऐसा नहीं होने पर अदालत ने पुलिस आयुक्त को पेश होकर इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं.

न्यायाधीश महेंद्र कुमार गोयल ने यह आदेश गौरव सोनी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सरकारी वकील शेर सिंह महला ने अदालत को बताया कि उनकी ओर से दो बार जांच अधिकारी को अदालती आदेश की जानकारी देते हुए पेश होने को कहा जा चुका है.

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गौरतलब है कि बजाज नगर थाना पुलिस ने गत 21 फरवरी को याचिकाकर्ता को 140 मिलीग्राम एलएसडी ड्रग के साथ गिरफ्तार किया था. याचिकाकर्ता की ओर से जमानत अर्जी में कहा गया कि पुलिस ने ड्रग का वजन पुड़िया के साथ किया था. जिसके चलते उसका वजन बढ़ गया.

वहीं, राज्य सरकार का कहना था कि पुड़िया के साथ ड्रग का वजन 227 मिलीग्राम था. ऐसे में अदालत जांच अधिकारी से जानना चाहती थी कि वे इतनी सूक्ष्म वजन की गणना कैसे करते हैं. लेकिन बार-बार बुलाने के बावजूद जांच अधिकारी अदालत में पेश नहीं हुए.

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