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दुष्कर्म पीड़िता बच्ची को राजस्थान हाईकोर्ट ने दी गर्भपात की अनुमति - Rajasthan High Court allows abortion

राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के चलते गर्भवती हुई 12 साल की पीड़िता को गर्भपात की अनुमति दे दी है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता सिर्फ 12 साल की है. ऐसे में यदि उसे गर्भ समाप्ति की अनुमति नहीं दी गई तो उसे संतान को जन्म देना पड़ेगा.

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राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Dec 3, 2020, 7:14 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के चलते गर्भवती हुई 12 साल की पीड़िता को गर्भपात की अनुमति दे दी है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश पीडिता की मां के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता सिर्फ 12 साल की है. ऐसे में यदि उसे गर्भ समाप्ति की अनुमति नहीं दी गई तो उसे संतान को जन्म देना पड़ेगा. जिससे ना केवल पीड़िता का जीवन भर मानसिक उत्पीड़न होगा, बल्कि उसके सामाजिक जीवन पर भी प्रभाव पडे़गा. सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में गठित एसएमएस मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पेश की गई. जिसे देखने के बाद अदालत ने पीड़िता को गर्भपात की अनुमति दे दी.

पढ़ें- पति द्वारा पत्नी की हत्या की गवाह बच्ची को दादा की कस्टडी में सौंपने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, सुनवाई 8 दिसंबर को

याचिका में कहा गया कि पीड़िता के साथ हुए दुष्कर्म के बाद झोटवाड़ा थाने में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया गया था. वहीं, पीड़िता के पेट में तेज दर्द होने पर चिकित्सीय सलाह पर सोनोग्राफी कराई गई. जिसमें पता चला कि पीड़िता के करीब बीस सप्ताह का गर्भ है. ऐसे में पीड़िता के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही उसकी उम्र को देखते हुए गर्भपात की अनुमति दी जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के चलते गर्भवती हुई 12 साल की पीड़िता को गर्भपात की अनुमति दे दी है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश पीडिता की मां के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता सिर्फ 12 साल की है. ऐसे में यदि उसे गर्भ समाप्ति की अनुमति नहीं दी गई तो उसे संतान को जन्म देना पड़ेगा. जिससे ना केवल पीड़िता का जीवन भर मानसिक उत्पीड़न होगा, बल्कि उसके सामाजिक जीवन पर भी प्रभाव पडे़गा. सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में गठित एसएमएस मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पेश की गई. जिसे देखने के बाद अदालत ने पीड़िता को गर्भपात की अनुमति दे दी.

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याचिका में कहा गया कि पीड़िता के साथ हुए दुष्कर्म के बाद झोटवाड़ा थाने में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया गया था. वहीं, पीड़िता के पेट में तेज दर्द होने पर चिकित्सीय सलाह पर सोनोग्राफी कराई गई. जिसमें पता चला कि पीड़िता के करीब बीस सप्ताह का गर्भ है. ऐसे में पीड़िता के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही उसकी उम्र को देखते हुए गर्भपात की अनुमति दी जाए.

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