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फिल्म जॉली LLB 2 से जुड़े मामले में अभिनेता अक्षय कुमार को राहत, निचली अदालत का प्रसंज्ञान आदेश रद्द

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan HC) ने जॉली LLB 2 फिल्म से जुड़े मामले में अभिनेता अक्षय कुमार (Akshay Kumar) को राहत दी है. इस मामले में कोर्ट ने निचली अदालत के प्रसंज्ञान आदेश को रद्द कर दिया है.

Rajasthan HC, Akshay Kumar
राजस्थान हाईकोर्ट से अक्षय कुमार को राहत
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Published : Aug 5, 2021, 10:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जॉली एलएलबी-2 फिल्म के ट्रेलर से जुड़े मामले में अभिनेता अक्षय कुमार को राहत देते हुए निचली अदालत के प्रसंज्ञान आदेश को रद्द कर दिया है. न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश अक्षय कुमार की आपराधिक याचिका पर दिए.

निचली अदालत ने 6 फरवरी 2017 को अक्षय कुमार के खिलाफ एक अधिवक्ता की ओर से दायर मानहानि परिवाद पर प्रसंज्ञान लिया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि निचली अदालत ने मामले के तथ्यों पर विचार किए बिना और मस्तिष्क का उपयोग किए बिना आदेश दिया है, जो रद्द किए जाने योग्य है. अदालत ने कहा कि निचली अदालत को आरोपी के खिलाफ समन जारी करने से पहले मामले के सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए. मामले पर सुनवाई करते हुए दिसंबर 2017 में अदालत ने प्रसंज्ञान आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी.

यह भी पढ़ें. राजस्थान विश्वविद्यालय की चारों संघटक कॉलेजों में 9 अगस्त से शुरू होंगे दाखिले

याचिका में कहा गया कि शिकायतकर्ता ने फिल्म के ट्रेलर के आधार पर इसे वकीलों की मानहानि करने वाला बताकर परिवाद पेश किया था. जबकि फिल्म रिलीज से पहले बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर एक विशेषज्ञ कमेटी ने फिल्म देखी थी और कुछ दृश्यों को हटाने के बाद ही सेंसर बोर्ड ने अपना प्रमाण पत्र जारी किया था. इसके अलावा याचिकाकर्ता अभिनेता की व्यक्तिगत तौर पर शिकायतकर्ता या वकील समुदाय के प्रति कोई गलत धारणा नहीं है. इसलिए निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए.

गौरतलब है कि अधिवक्ता टीकम चंद ने एसीएमएम कोर्ट में अक्षय कुमार के खिलाफ परिवाद दायर कर कहा था कि फिल्म ट्रेलर में वकीलों और कानूनी प्रक्रिया पर अशोभनीय टिप्पणी कर वकीलों की छवि को धूमिल किया गया है. जिसके चलते वकील समुदाय की मानहानि हुई है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जॉली एलएलबी-2 फिल्म के ट्रेलर से जुड़े मामले में अभिनेता अक्षय कुमार को राहत देते हुए निचली अदालत के प्रसंज्ञान आदेश को रद्द कर दिया है. न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश अक्षय कुमार की आपराधिक याचिका पर दिए.

निचली अदालत ने 6 फरवरी 2017 को अक्षय कुमार के खिलाफ एक अधिवक्ता की ओर से दायर मानहानि परिवाद पर प्रसंज्ञान लिया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि निचली अदालत ने मामले के तथ्यों पर विचार किए बिना और मस्तिष्क का उपयोग किए बिना आदेश दिया है, जो रद्द किए जाने योग्य है. अदालत ने कहा कि निचली अदालत को आरोपी के खिलाफ समन जारी करने से पहले मामले के सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए. मामले पर सुनवाई करते हुए दिसंबर 2017 में अदालत ने प्रसंज्ञान आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी.

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याचिका में कहा गया कि शिकायतकर्ता ने फिल्म के ट्रेलर के आधार पर इसे वकीलों की मानहानि करने वाला बताकर परिवाद पेश किया था. जबकि फिल्म रिलीज से पहले बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर एक विशेषज्ञ कमेटी ने फिल्म देखी थी और कुछ दृश्यों को हटाने के बाद ही सेंसर बोर्ड ने अपना प्रमाण पत्र जारी किया था. इसके अलावा याचिकाकर्ता अभिनेता की व्यक्तिगत तौर पर शिकायतकर्ता या वकील समुदाय के प्रति कोई गलत धारणा नहीं है. इसलिए निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए.

गौरतलब है कि अधिवक्ता टीकम चंद ने एसीएमएम कोर्ट में अक्षय कुमार के खिलाफ परिवाद दायर कर कहा था कि फिल्म ट्रेलर में वकीलों और कानूनी प्रक्रिया पर अशोभनीय टिप्पणी कर वकीलों की छवि को धूमिल किया गया है. जिसके चलते वकील समुदाय की मानहानि हुई है.

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