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Rajasthan HC Order: ऑफलाइन क्लास वाले स्कूलों को आरटीई एक्ट के तहत पुनर्भुगतान दावों की छूट - offline classes in Rajasthan Schools

कोरोना काल में ऑफलाइन कक्षाएं चलाने वाले स्कूल के लिए अच्छी खबर (Rajasthan school exempted from repayment) है. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरटीई एक्ट के तहत पुनर्भुगतान राशि प्राप्त करने के लिए दावा करने की छूट दी है.

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राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Dec 18, 2021, 9:09 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोरोना काल में सत्र 2020-21 के दौरान ऑफलाइन कक्षाएं चलाने वाले स्कूलों को राहत दी है. उन्हें आरटीई एक्ट (RTE Act) के तहत पुनर्भुगतान राशि प्राप्त करने के लिए दावा करने की छूट दी है.

अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह प्रार्थी संघ के लिए 20 से 30 दिसंबर की अवधि में पोर्टल को खोले और प्रार्थी क्लासेज के विवरण सहित अपना दावा उस पर पेश करें. यदि प्रार्थी स्कूल ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन दावा करना चाहे तो वे संबंधित डीईओ के समक्ष भी सभी दस्तावेज सहित पुनर्भुगतान के लिए अपने दावे पेश कर सकते हैं. जस्टिस अशोक गौड ने यह आदेश स्कूल क्रांति संघ व स्कूल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

यह भी पढ़ें. Historical clock of jaipur: यादों में न रह जाए 'यादगार' की ऐतिहासिक घड़ी, वर्षों से बंद पड़ी है जयपुर...न जाने कब बदलेगा 'वक्त'

स्कूल संघों की ओर से कहा गया कि उन्होंने कोविड के दौरान शैक्षणिक सत्र 2020-21 में ऑफलाइन क्लास (offline classes in Rajasthan Schools) संचालित की थी लेकिन राज्य सरकार ने आरटीई एक्ट के तहत उनके पुनर्भुगतान दावों को पोर्टल पर स्वीकार नहीं किया है. ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और आरटीई एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन है.

सुनवाई के दौरान अदालत ने 13 दिसंबर को राज्य सरकार के एएजी सीएल सैनी को कहा कि वे इस संबंध में राज्य सरकार से दिशा-निर्देश प्राप्त कर बताएं. वहीं मामले में वापस सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने समय मांगा. जिस पर अदालत ने प्रार्थी स्कूल संघों को राहत देते हुए ऑनलाइन पोर्टल व ऑफलाइन तरीके से पुनर्भुगतान दावा करने की छूट दी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोरोना काल में सत्र 2020-21 के दौरान ऑफलाइन कक्षाएं चलाने वाले स्कूलों को राहत दी है. उन्हें आरटीई एक्ट (RTE Act) के तहत पुनर्भुगतान राशि प्राप्त करने के लिए दावा करने की छूट दी है.

अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह प्रार्थी संघ के लिए 20 से 30 दिसंबर की अवधि में पोर्टल को खोले और प्रार्थी क्लासेज के विवरण सहित अपना दावा उस पर पेश करें. यदि प्रार्थी स्कूल ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन दावा करना चाहे तो वे संबंधित डीईओ के समक्ष भी सभी दस्तावेज सहित पुनर्भुगतान के लिए अपने दावे पेश कर सकते हैं. जस्टिस अशोक गौड ने यह आदेश स्कूल क्रांति संघ व स्कूल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

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स्कूल संघों की ओर से कहा गया कि उन्होंने कोविड के दौरान शैक्षणिक सत्र 2020-21 में ऑफलाइन क्लास (offline classes in Rajasthan Schools) संचालित की थी लेकिन राज्य सरकार ने आरटीई एक्ट के तहत उनके पुनर्भुगतान दावों को पोर्टल पर स्वीकार नहीं किया है. ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और आरटीई एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन है.

सुनवाई के दौरान अदालत ने 13 दिसंबर को राज्य सरकार के एएजी सीएल सैनी को कहा कि वे इस संबंध में राज्य सरकार से दिशा-निर्देश प्राप्त कर बताएं. वहीं मामले में वापस सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने समय मांगा. जिस पर अदालत ने प्रार्थी स्कूल संघों को राहत देते हुए ऑनलाइन पोर्टल व ऑफलाइन तरीके से पुनर्भुगतान दावा करने की छूट दी.

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