जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आपराधिक प्रकरण लंबित होने के चलते कांस्टेबल पद पर नियुक्ति से वंचित करने के मामले में अभ्यर्थी को नोशनल परिलाभों के साथ नियुक्ति देने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश रवि विश्नोई की याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता कांस्टेबल भर्ती-2018 में चयनीत हो गया था लेकिन उसे यह कहते हुए नियुक्ति नहीं दी गई कि उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है. याचिका में कहा गया कि परिणाम जारी होने से पहले याचिकाकर्ता को संबंधित अदालत ने आपराधिक प्रकरण से दोषमुक्त कर दिया है. ऐसे में उसे समस्त परिलाभों के साथ नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने समस्त नोशनल परिलाभों के साथ याचिकाकर्ता को कांस्टेबल पद पर नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.
यह भी पढ़ें. राजस्थान आकर लंबे समय से लापता चल रहे 684 नागरिकों के मामले में गृह विभाग के हाथ खाली, तलाश जारी
धौलपुर कलेक्टर की ओर से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर न्यूज चैनल के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संचालन पर लगाई रोक को वापस ले लिया है. वहीं हाईकोर्ट में यह जानकारी सामने आने पर एकलपीठ ने इस संबंध में दायर याचिका को निस्तारित कर दिया है.
जिला कलेक्टर ने 6 मई को आदेश जारी कर समस्त सोशल मीडिया न्यूज चैनल के संचालन पर पाबंदी लगा दी थी. आदेश में आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा गया था कि कुछ लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से न्यूज चैनल का संचालन कर रहे हैं. ऐसे समस्त कार्य पत्रकारिता गतिविधियों के तहत आते हैं. इनके संचालन से पहले राज्य सरकार और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से भी अनुमति नहीं ली गई है. ऐसे में गैर सत्यापित तथ्यों के आधार पर समचारों का प्रकाशन किया जाना संभावित है. जिससे कोरोना योद्धाओं के मनोबल पर विपरीत प्रभाव के साथ ही कई आशंकाएं भी पैदा हो सकती हैं. इसलिए सोशल मीडिया पर संचालित सभी न्यूज चैनल पर आगामी आदेशों तक पाबंदी लगाई जाती है.