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राजस्थान हाईकोर्ट सुनवाई : जीएसटी चोरी के मामले में कंपनी निदेशक की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित - rajasthan news update

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan HC Jaipur Bench) ने करीब 869 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी के मामले में मिराज प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विनयकांत आमेटा की जमानत याचिका (Vinayakant Ameta bail plea) पर दोनों पक्षों की बहस सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Miraj Products Pvt Ltd Director Vinay Kant Ameta
राजस्थान हाईकोर्ट सुनवाई
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Published : Dec 3, 2021, 7:50 PM IST

जयपुर. जीएसटी चोरी के एक मामले में राजस्थान हाइकोर्ट की जयपुर बेंच ने मिराज प्रोडक्ट्स लिमिटेड के डायरेक्टर विनयकांत आमेटा की जमानत याचिका पर आज फैसला सुरक्षित रख लिया. आमेटा पर करीब 869 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का केस (GST evasion case) चल रहा है.

न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की एकलपीठ ने यह मामला सुना और विनयकांत आमेटा (Rajasthan High Court Vinayakant Ameta Case) की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. जमानत याचिका में कहा गया कि विभाग ने फैक्ट्री में उत्पाद के खाली पडे़ रैपर के आधार पर जीएसटी की गणना कर 869 करोड़ रुपए की कर चोरी बताई है. जबकि कर की गणना उत्पाद के बिक्री होने के बाद की जानी चाहिए थी.

इसके अलावा कहा गया कि प्रार्थी इस कंपनी में वेतनभोगी कर्मचारी है. कर चोरी से उसे कोई फायदा नहीं होने वाला था. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए डीजीजीआई की ओर से अधिवक्ता किंशुक जैन ने कहा कि विभाग ने आरोपी को बड़ी कर चोरी करते पकड़ा है. इसके अलावा मौजूद साक्ष्यों से भी साबित है कि मामले में करोडों रुपए की जीएसटी चोरी की गई है. ऐसे में आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

पढ़ें- कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामला : CBI की टीम ने घटनास्थल पर पहुंच कर किया Scene Recreate

दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. गौरतलब है की कर चोरी के मामले में डीजीजीआई ने गत 24 अक्टूबर को आरोपी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद विशेष न्यायालय ने आरोपी को जेल भेज दिया था.

जयपुर. जीएसटी चोरी के एक मामले में राजस्थान हाइकोर्ट की जयपुर बेंच ने मिराज प्रोडक्ट्स लिमिटेड के डायरेक्टर विनयकांत आमेटा की जमानत याचिका पर आज फैसला सुरक्षित रख लिया. आमेटा पर करीब 869 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का केस (GST evasion case) चल रहा है.

न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की एकलपीठ ने यह मामला सुना और विनयकांत आमेटा (Rajasthan High Court Vinayakant Ameta Case) की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. जमानत याचिका में कहा गया कि विभाग ने फैक्ट्री में उत्पाद के खाली पडे़ रैपर के आधार पर जीएसटी की गणना कर 869 करोड़ रुपए की कर चोरी बताई है. जबकि कर की गणना उत्पाद के बिक्री होने के बाद की जानी चाहिए थी.

इसके अलावा कहा गया कि प्रार्थी इस कंपनी में वेतनभोगी कर्मचारी है. कर चोरी से उसे कोई फायदा नहीं होने वाला था. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए डीजीजीआई की ओर से अधिवक्ता किंशुक जैन ने कहा कि विभाग ने आरोपी को बड़ी कर चोरी करते पकड़ा है. इसके अलावा मौजूद साक्ष्यों से भी साबित है कि मामले में करोडों रुपए की जीएसटी चोरी की गई है. ऐसे में आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

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दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. गौरतलब है की कर चोरी के मामले में डीजीजीआई ने गत 24 अक्टूबर को आरोपी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद विशेष न्यायालय ने आरोपी को जेल भेज दिया था.

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