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एक्स सर्विसमैन को भर्ती में वर्गवार आरक्षण क्यों नहीं : राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan HC) ने SI भर्ती को लेकर एसीएस गृह, डीजीपी, कार्मिक सचिव और चयनीत भूतपूर्व सैनिकों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने एसआई भर्ती-2016 से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिए.

Rajasthan HC, SI Recruitment-2016
एसआई भर्ती-2016 पर राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश
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Published : Aug 16, 2021, 7:17 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2016 (SI Recruitment-2016) से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए एसीएस गृह, डीजीपी, कार्मिक सचिव और चयनित भूतपूर्व सैनिकों को नोटिस जारी किया गया है. जिसमें कोर्ट ने जवाब मांगा गया कि भर्ती में एक्स सर्विसमैन को वर्गवार आरक्षण के बजाए अलग से वर्ग बनाकर आरक्षण क्यों दिया गया है.

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश श्रवण लाल की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि सरकारी भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को 12.5 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है. यह आरक्षण हर वर्ग के भीतर से दिया जाना चाहिए. जिससे हर वर्ग में भूतपूर्व सैनिकों का प्रतिनिधित्व आ जाए.

यह भी पढ़ें. लिव इन में रहने वाला एक पक्ष विवाहित तो इसे माना जाएगा अवैध संबंध: राजस्थान हाईकोर्ट

इसके बजाए राज्य सरकार भूतपूर्व सैनिकों का अलग से वर्ग बनाकर आरक्षण का लाभ दे रही है. जिसके चलते इस कोटे में सभी वर्गो का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाता. कई बार तो भूतपूर्व सैनिकों के सभी पद एक वर्ग से ही भर जाते हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2016 (SI Recruitment-2016) से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए एसीएस गृह, डीजीपी, कार्मिक सचिव और चयनित भूतपूर्व सैनिकों को नोटिस जारी किया गया है. जिसमें कोर्ट ने जवाब मांगा गया कि भर्ती में एक्स सर्विसमैन को वर्गवार आरक्षण के बजाए अलग से वर्ग बनाकर आरक्षण क्यों दिया गया है.

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश श्रवण लाल की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि सरकारी भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को 12.5 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है. यह आरक्षण हर वर्ग के भीतर से दिया जाना चाहिए. जिससे हर वर्ग में भूतपूर्व सैनिकों का प्रतिनिधित्व आ जाए.

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इसके बजाए राज्य सरकार भूतपूर्व सैनिकों का अलग से वर्ग बनाकर आरक्षण का लाभ दे रही है. जिसके चलते इस कोटे में सभी वर्गो का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाता. कई बार तो भूतपूर्व सैनिकों के सभी पद एक वर्ग से ही भर जाते हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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