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कल्पना और अनुमान के आधार पर पेश याचिका को नहीं किया जा सकता स्वीकार: HC

राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सहायक सांख्यिकी अधिकारी भर्ती 2018 के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने याचिका को बिना आधार और फिजूल बताते हुए याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगा दिया है.

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राजस्थान हाई कोर्ट ने याचिका की खारिज
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Published : Jun 16, 2020, 6:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक सांख्यिकी अधिकारी भर्ती 2018 के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका को बिना आधार और फिजूल बताते हुए खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने सभी याचिकाकर्ताओं पर कुल एक लाख रुपए का हर्जाना लगाते हुए हर्जाना राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने को कहा है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश संजय कुमार शर्मा व 19 अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.

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अदालत ने कहा कि एक ही समुदाय के कुछ अभ्यर्थियों की ओर से अधिक अंक प्राप्त करने के आधार पर पूरी परीक्षा को रद्द नहीं किया जा सकता. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि परीक्षा में वैकल्पिक उत्तर वाले प्रश्न पूछे गए थे. ऐसे में अभ्यर्थी के 100 फीसदी प्रश्न भी सही होने की संभावना रहती है. वहीं, कई अभ्यर्थी एक समान अंक भी लेकर आते हैं. याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा के बाद किसी तरह की शिकायत भी नहीं दी थी. ऐसे में केवल कल्पना और अनुमान के आधार पर पेश याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता.

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याचिका में कहा गया था कि सहायक सांख्यिकी अधिकारी भर्ती का परिणाम गत 14 मई को जारी किया गया. जिसमें सामने आया कि एक ही क्षेत्र विशेष में रहने वाले जाति विशेष के अभ्यर्थियों ने 90 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं. वहीं, सामान्य वर्ग की शुरू की 70 सीटों पर कटऑफ 70.82 रही. जबकि अगले 50 फीसदी पदों की कटऑफ गिरकर 55 अंकों से भी कम पर आ गई. याचिका में कहा गया कि यह तभी संभव है जब परीक्षा का पेपर लीक हो गया हो. वहीं, चयन में पारदर्शिता भी नहीं रखी गई. ऐसे में परीक्षा को रद्द कर मामले की जांच एसओजी से कराई जाए. जिसे खारिज करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगा दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक सांख्यिकी अधिकारी भर्ती 2018 के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका को बिना आधार और फिजूल बताते हुए खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने सभी याचिकाकर्ताओं पर कुल एक लाख रुपए का हर्जाना लगाते हुए हर्जाना राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने को कहा है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश संजय कुमार शर्मा व 19 अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.

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अदालत ने कहा कि एक ही समुदाय के कुछ अभ्यर्थियों की ओर से अधिक अंक प्राप्त करने के आधार पर पूरी परीक्षा को रद्द नहीं किया जा सकता. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि परीक्षा में वैकल्पिक उत्तर वाले प्रश्न पूछे गए थे. ऐसे में अभ्यर्थी के 100 फीसदी प्रश्न भी सही होने की संभावना रहती है. वहीं, कई अभ्यर्थी एक समान अंक भी लेकर आते हैं. याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा के बाद किसी तरह की शिकायत भी नहीं दी थी. ऐसे में केवल कल्पना और अनुमान के आधार पर पेश याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता.

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याचिका में कहा गया था कि सहायक सांख्यिकी अधिकारी भर्ती का परिणाम गत 14 मई को जारी किया गया. जिसमें सामने आया कि एक ही क्षेत्र विशेष में रहने वाले जाति विशेष के अभ्यर्थियों ने 90 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं. वहीं, सामान्य वर्ग की शुरू की 70 सीटों पर कटऑफ 70.82 रही. जबकि अगले 50 फीसदी पदों की कटऑफ गिरकर 55 अंकों से भी कम पर आ गई. याचिका में कहा गया कि यह तभी संभव है जब परीक्षा का पेपर लीक हो गया हो. वहीं, चयन में पारदर्शिता भी नहीं रखी गई. ऐसे में परीक्षा को रद्द कर मामले की जांच एसओजी से कराई जाए. जिसे खारिज करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगा दिया है.

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