जयपुर. ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान आवंटन घूसकांड (mine allocation bribery case) से जुड़े आरोपी पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी को तीन माह के लिए विदेश (Ex IAS Singhvi allowed to go abroad) जाने की सशर्त अनुमति दी है. अदालत ने यह आदेश आरोपी की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.
अदालत ने प्रर्थी को सशर्त विदेश जाने की अनुमति दी है. अदालत ने कहा कि प्रर्थी यह अंडरटेकिंग दे की वह विदेश में किस एड्रेस पर जाएगा और खुद के साथ-साथ वहां के संबंधित व्यक्तियों के भी मोबाइल नंबर देगा. इसके अलावा वह विदेश में रहने वाले स्थान का प्रमाणित पता और वीसा की कॉपी अदालत में पेश करेगा.
प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता दीपक चौहान ने कहा कि उसने हाईकोर्ट में याचिका पेश कर विदेश जाने की अनुमति मांगी थी. जिस पर हाईकोर्ट ने गत 19 जुलाई को आदेश देते हुए उसे विदेश जाने से पहले निचली अदालत में प्रार्थना पत्र पेश करने और तीन माह में वापस भारत लौटने के आदेश दिए थे. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि वह पांच मार्च 2022 तक विदेश जाना चाहता है. ऐसे में वह अदालत की ओर से लगाई जाने वाली शर्तों की पालना करने को तैयार है. इसलिए उसे विदेश जाने की अनुमति दी जाए.
गौरतलब है कि सिंघवी ने पूर्व में अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा था कि उसका पुत्र और पुत्री यूएसए के स्थाई निवासी हैं. उसकी बेटी चिकित्सक होने के चलते कोरोना में वहां से नहीं आ सकती है. इसके अलावा उसके बेटे के विवाह की बातचीत चल रही है. ऐसे में उसे तीन माह के लिए यूएसए जाने की अनुमति दी जाए. जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था. इसके बाद सिंघवी ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी.
क्या था मामला
सितंबर 2015 में एसीबी ने खान विभाग में चल रहे घूसकांड का खुलासा करते हुए चित्तौड़गढ़ में बंद पड़ी छह खानों को चालू करने की एवज में 22 करोड़ रुपए की डील होने का दावा किया था. मामले में एसीबी ने ढाई करोड़ रुपए की राशि के साथ दलाल को गिरफ्तार किया था.
वहीं तत्कालीन आईएएस अशोक सिंघवी सहित अन्य लोगों पर केस दर्ज किया था. अदालत ने जनवरी 2019 में मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तारी वारंट से तलब किया था. वहीं एक जून 2020 को सिंघवी ने अदालत में समर्पण किया था.