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सोच-समझ और कल्पना शक्ति का विकास करने वाली शिक्षा प्रदान करें: राज्यपाल कलराज मिश्र

राज्यपाल कलराज मिश्र राजभवन से महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शताब्दी वर्ष समारोह का ऑनलाइन संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सर्वांगीण विकास के लिए वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुरूप शिक्षा का सभी क्षेत्रों में विकास होना जरूरी है.

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कलराज मिश्र ने ऑनलाइन संबोधित किया
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Published : Feb 11, 2021, 9:11 PM IST

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि सर्वांगीण विकास के लिए वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुरूप शिक्षा का सभी क्षेत्रों में विकास होना जरूरी है. उन्होंने शिक्षण संस्थानों का आह्वान किया कि सोचने-समझने की शक्ति और कल्पना शक्ति का विकास करने वाली जीवन व्यवहार से जुड़ी शिक्षा विद्यार्थियों को प्रदान करें. राज्यपाल मिश्र गुरूवार को यहां राजभवन से महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शताब्दी वर्ष समारोह को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे.

कलराज मिश्र ने ऑनलाइन संबोधित किया

उन्होंने यहां अध्ययन से जुड़ी अपनी यादें साझा करते हुए कहा कि जिस संस्थान से आचार्य नरेन्द्र देव, कृपलानी जी और मुंशी प्रेमचंद जैसे महान शिक्षक तथा स्व. चन्द्रशेखर आजाद, लाल बहादुर शास्त्री जी जैसे महान विद्यार्थी जुड़े रहे हैं, उस विद्यापीठ से शिक्षा प्राप्त करना उनके लिए जीवन की अनमोल धरोहर है. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि देश में पाश्चात्य शिक्षा के बढ़ते प्रभाव से चिंतित होकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारतीय जीवन मूल्यों पर आधारित स्वतंत्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बल दिया था. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त जटिलताओं को दूर करते हुए भारतीय परम्परा, संस्कृति और भाषा के गौरव को युवाओं में स्थापित करने की आवश्यकता है.

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को सामाजिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से परिपक्व बनाती है और अनुसंधान नए ज्ञान का सृजन करता है, इसलिए शिक्षण संस्थानों को नवान्वेषण की दृष्टि विकसित करने वाले पाठ्यक्रमों का अपने यहां विकास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा में विद्यार्थी की स्वयं की रूचि विकसित हो सके, नई शिक्षा नीति में इसका विशेष ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की विचारधारा का पोषण करने के साथ ही मातृभाषाओं में अध्ययन को प्रोत्साहन, विज्ञान, कला, संस्कृति के साथ भारतीय विचारधारा से जुड़े संस्कारों से संबद्ध स्वतंत्रता पर आधारित है.

यह भी पढ़ें- बाड़मेर: नालों और सीवरेज के गंदे पानी से विष्णु कॉलोनी के कई घर जलमग्न, लोगों का जीना दूभर

कार्यक्रम के आरम्भ में राज्यपाल मिश्र ने संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया. कुलपति प्रो. टी.एन. सिंह ने अपने संबोधन में विद्यापीठ के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानकारी दी. समारोह के दौरान राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल, शिक्षकगण और विद्यार्थी ऑनलाइन उपस्थित थे. राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में संस्कृति युवा संस्था और वल्र्ड ट्रेड पार्क की और से 14 फरवरी को आयोजित की जा रही 12वीं जयपुर मैराथन के पोस्टर 'सेलिबे्रटिंग लव फाॅर लाइफ' का विमोचन किया.

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि सर्वांगीण विकास के लिए वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुरूप शिक्षा का सभी क्षेत्रों में विकास होना जरूरी है. उन्होंने शिक्षण संस्थानों का आह्वान किया कि सोचने-समझने की शक्ति और कल्पना शक्ति का विकास करने वाली जीवन व्यवहार से जुड़ी शिक्षा विद्यार्थियों को प्रदान करें. राज्यपाल मिश्र गुरूवार को यहां राजभवन से महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शताब्दी वर्ष समारोह को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे.

कलराज मिश्र ने ऑनलाइन संबोधित किया

उन्होंने यहां अध्ययन से जुड़ी अपनी यादें साझा करते हुए कहा कि जिस संस्थान से आचार्य नरेन्द्र देव, कृपलानी जी और मुंशी प्रेमचंद जैसे महान शिक्षक तथा स्व. चन्द्रशेखर आजाद, लाल बहादुर शास्त्री जी जैसे महान विद्यार्थी जुड़े रहे हैं, उस विद्यापीठ से शिक्षा प्राप्त करना उनके लिए जीवन की अनमोल धरोहर है. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि देश में पाश्चात्य शिक्षा के बढ़ते प्रभाव से चिंतित होकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारतीय जीवन मूल्यों पर आधारित स्वतंत्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बल दिया था. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त जटिलताओं को दूर करते हुए भारतीय परम्परा, संस्कृति और भाषा के गौरव को युवाओं में स्थापित करने की आवश्यकता है.

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को सामाजिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से परिपक्व बनाती है और अनुसंधान नए ज्ञान का सृजन करता है, इसलिए शिक्षण संस्थानों को नवान्वेषण की दृष्टि विकसित करने वाले पाठ्यक्रमों का अपने यहां विकास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा में विद्यार्थी की स्वयं की रूचि विकसित हो सके, नई शिक्षा नीति में इसका विशेष ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की विचारधारा का पोषण करने के साथ ही मातृभाषाओं में अध्ययन को प्रोत्साहन, विज्ञान, कला, संस्कृति के साथ भारतीय विचारधारा से जुड़े संस्कारों से संबद्ध स्वतंत्रता पर आधारित है.

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कार्यक्रम के आरम्भ में राज्यपाल मिश्र ने संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया. कुलपति प्रो. टी.एन. सिंह ने अपने संबोधन में विद्यापीठ के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानकारी दी. समारोह के दौरान राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल, शिक्षकगण और विद्यार्थी ऑनलाइन उपस्थित थे. राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में संस्कृति युवा संस्था और वल्र्ड ट्रेड पार्क की और से 14 फरवरी को आयोजित की जा रही 12वीं जयपुर मैराथन के पोस्टर 'सेलिबे्रटिंग लव फाॅर लाइफ' का विमोचन किया.

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