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जवाबदेही कानून लागू करे सरकार, साथ ही धरना-प्रदर्शनों के लिए दे जगह : निखिल डे

आगामी बजट को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में एक सुझाव बैठक का आयोजन शासन सचिवालय में किया गया. इस बैठक में पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने जावबदेही कानून लागू करने की मांग की साथ ही धरना प्रदर्शन के लिए एक उचित जगह देने का भी आग्रह किया. पढ़ें विस्तृत खबर...

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Published : Feb 8, 2020, 7:49 PM IST

Suggestion for rajasthan budget, राजस्थान बजट 2020
social worker Nikhil Dey

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फरवरी के दूसरे सप्ताह में अपने तीसरे शासन का दूसरा बजट पेश करने जा रहे हैं. बजट आम जनता से जुड़ा हो और सभी वर्गों को साधने वाला हो इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अलग-अलग वर्गो से सुझाव ले रहे हैं. इन सुझावों को लेकर शनिवार को सचिवालय में बजट पूर्व सुझाव बैठक आयोजित हुई. जिसमें सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कई तरह के सुझाव दिए.

अब घोषणा नही लागू हो जवाबदेही कानून : सामाजिक कार्यकर्ता

सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने बैठक में मुख्यमंत्री को कहा कि सूचना जनसंपर्क पोर्टल, पेंशन बढ़ाने पर सरकार की तरफ से काम हो रहा है लेकिन जवाबदेही कानून जिसकी पिछले बजट में घोषणा की गई थी, एक साल बाद भी लागू नहीं किया जा सका है. उन्होंने कहा कि कानून बन जाता है तो पैसे भी बचेंगे और पारदर्शिता का रास्ता दिखेगा.

बैठक के बाद निखिल डे ने बताया कि जवाबदेही कानून अगर लागू हो जाता है तो इससे प्रदेश की सरकारी मशीनरी के कामकाज में सकारात्मक बदलाव आएगा. लोगों का काम आसानी से पूरा हो सकेगा. अधिकारी और कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो जाएगी और सरकार की जो भी योजनाएं हैं वे भी समय पर पूरी होंगी.

पढ़ेंः पिछले एक साल में बिगड़े हालात, आगामी बजट में चिकित्सा सुविधाओं पर करें फोकस : सराफ

निखिल डे ने बताया कि सरकार जब बजट पेश करने वाली है उससे दो-चार दिन पहले सुझाव लिए जा रहे हैं. ऐसे में इन सुझावों को बजट में कितना शामिल किया जाएगा यह एक बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि सभी विभागों में निरंतर संवाद होते रहना चाहिए. संवाद होगा तो सुझाव भी आएंगे और उन्हें लागू करने के लिए पर्याप्त समय में मिलेगा. निखिल डे ने बैठक में सरकार के सामने जयपुर में विरोध प्रदर्शन के लिए एक जगह उपलब्ध कराने की मांग भी की.

उन्होंने कहा कि सरकार को इस बजट में जो अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाना चाहते हैं उनके लिए जगह उपलब्ध कराई जानी चाहिए. सूचना का अधिकार, रोजगार गारंटी इनके लिए कई संगठनों ने 50 से 55 दिन तक आंदोलन किया था. तब जाकर ये अधीकार लागू हुए थे. लोकतंत्र में अपनी बात रखने का सबको अधिकार है. और इसके लिए जरूरी है कि उनके पास में विरोध प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त जगह हो.

पढ़ेंः SMS अस्पताल को उत्तरी भारत का सबसे बड़ा ऑर्गन ट्रांसप्लांट केंद्र बनाया जाएगा : रघु शर्मा

उन्होंने कहा कि इससे पहले स्टेच्यू सर्किल पर विरोध प्रदर्शन होते थे लेकिन उसे भी बंद कर दिया गया है. ऐसे में जरूरी है कि विधानसभा, सचिवालय के आसपास कोई ऐसी जगह होनी चाहिए जहां लोग अपनी बात कह सकें. उन्होंने कहा कि आज जो सत्ता में हैं वो कल विपक्ष में भी होंगे. ऐसे में सभी को लोकतंत्र में अपनी बात रखने के लिए एक पर्याप्त स्थान चाहिए.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फरवरी के दूसरे सप्ताह में अपने तीसरे शासन का दूसरा बजट पेश करने जा रहे हैं. बजट आम जनता से जुड़ा हो और सभी वर्गों को साधने वाला हो इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अलग-अलग वर्गो से सुझाव ले रहे हैं. इन सुझावों को लेकर शनिवार को सचिवालय में बजट पूर्व सुझाव बैठक आयोजित हुई. जिसमें सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कई तरह के सुझाव दिए.

अब घोषणा नही लागू हो जवाबदेही कानून : सामाजिक कार्यकर्ता

सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने बैठक में मुख्यमंत्री को कहा कि सूचना जनसंपर्क पोर्टल, पेंशन बढ़ाने पर सरकार की तरफ से काम हो रहा है लेकिन जवाबदेही कानून जिसकी पिछले बजट में घोषणा की गई थी, एक साल बाद भी लागू नहीं किया जा सका है. उन्होंने कहा कि कानून बन जाता है तो पैसे भी बचेंगे और पारदर्शिता का रास्ता दिखेगा.

बैठक के बाद निखिल डे ने बताया कि जवाबदेही कानून अगर लागू हो जाता है तो इससे प्रदेश की सरकारी मशीनरी के कामकाज में सकारात्मक बदलाव आएगा. लोगों का काम आसानी से पूरा हो सकेगा. अधिकारी और कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो जाएगी और सरकार की जो भी योजनाएं हैं वे भी समय पर पूरी होंगी.

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निखिल डे ने बताया कि सरकार जब बजट पेश करने वाली है उससे दो-चार दिन पहले सुझाव लिए जा रहे हैं. ऐसे में इन सुझावों को बजट में कितना शामिल किया जाएगा यह एक बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि सभी विभागों में निरंतर संवाद होते रहना चाहिए. संवाद होगा तो सुझाव भी आएंगे और उन्हें लागू करने के लिए पर्याप्त समय में मिलेगा. निखिल डे ने बैठक में सरकार के सामने जयपुर में विरोध प्रदर्शन के लिए एक जगह उपलब्ध कराने की मांग भी की.

उन्होंने कहा कि सरकार को इस बजट में जो अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाना चाहते हैं उनके लिए जगह उपलब्ध कराई जानी चाहिए. सूचना का अधिकार, रोजगार गारंटी इनके लिए कई संगठनों ने 50 से 55 दिन तक आंदोलन किया था. तब जाकर ये अधीकार लागू हुए थे. लोकतंत्र में अपनी बात रखने का सबको अधिकार है. और इसके लिए जरूरी है कि उनके पास में विरोध प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त जगह हो.

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उन्होंने कहा कि इससे पहले स्टेच्यू सर्किल पर विरोध प्रदर्शन होते थे लेकिन उसे भी बंद कर दिया गया है. ऐसे में जरूरी है कि विधानसभा, सचिवालय के आसपास कोई ऐसी जगह होनी चाहिए जहां लोग अपनी बात कह सकें. उन्होंने कहा कि आज जो सत्ता में हैं वो कल विपक्ष में भी होंगे. ऐसे में सभी को लोकतंत्र में अपनी बात रखने के लिए एक पर्याप्त स्थान चाहिए.

Intro:
जयपुर

एक साल पहले जो बजट में घोषणा की वो पूरी नहीं हुई , बजट सुझाव बैठक में आया सुझाव अब घोषणा नही लागू हो जवाबदेही कानून , बैठक में विरोध प्रदर्शन लिये भी मांगी जगह

एंकर:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फरवरी के दूसरे सप्ताह में अपने तीसरे शासन का दूसरा बजट पेश करने जा रहे हैं , बजट आम जनता से जुड़ा हो सभी वर्गों को साधने वाला इस लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अलग-अलग वर्गो से सुझाव ले रहे हैं , आज सचिवालय में बजट पूर्व सुझाव को लेकर दूसरे दिन भी बैठक हुई जिसमें सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कई तरहं के सुझाव दिए , लेकिन इस दौरान बैठक में कई ऐसे सुझाव भी आए जिसमें कहा गया कि अब उन घोषणाओं को पूरा करने का वक्त आ गया है जिनकी घोषणा पिछले बजट में करी गई थी , सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने बैठक में मुख्यमंत्री को कहा कि सूचना जनसंपर्क पोर्टल , पेंशन बढ़ाने पर सरकार की तरफ से काम हो रहा है लेकिन जवाबदेही कानून को लेकर जो पिछले बजट में घोषणा कर गई थी , लेकिन वह 1 साल बीतने के बाद भी लागू नहीं हो सका उन्होंने कहा कि कानून बन जाता है तो पैसे भी बचेंगे और लोगों को काम में आसानी भी होगा , साथ ही पारदर्शिता का रास्ता दिखेगा , निखिल डे ने कहा कि जवाबदेही कानून अगर लागू हो जाता है तो इससे प्रदेश की सरकारी मशीनरी की काम काज में बदलाव होगा लोगों का काम आसानी से पूरा हो सकेगा , अधिकारी और कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो पाएगी , इससे सरकार की जो भी जो उम्मीदें है उसमें भी बढ़ोतरी होगी , निखिल डे ने यह भी कहा कि सरकार जब बजट पेश करने वाली है उससे दो-चार दिन पहले सुझाव लिए जा रहे हैं ऐसे में इन सुझाव को बजट में कितना शामिल किया जाएगा यह बड़ा सवाल है , उन्होंने कहा कि सभी विभाग से निरंतर सवाद होते रहना चाहिए संवाद होगा तो सुझाव भी आएंगे और उन्हें लागू करने के लिए पर्याप्त समय में मिलेगा , उन्होंने खासतौर से सरकार ने जयपुर में विरोध प्रदर्शन के लिए जगह उपलब्ध कराने की मांग की उन्होंने कहा कि सरकार को इस बजट में जो अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाना चाहते हैं उनके लिए जगह उपलब्ध कराई जानी चाहिए। सूचना का अधिकार , रोजगार की गारंटी इनके लिए कई संगठनों ने 50 से 55 दिन तक आंदोलन किया था , तब जाकर ये अधीकार लागू हुए थे लोकतंत्र में अपनी बात रखने का सबको अधिकार है , लोग अपने दुख को लोकतांत्रिक तरीका कह सकते हैं इसके लिए जरूरी है कि उनके पास में विरोध प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त जगह हो उन्होंने कहा कि इससे पहले स्टेचू सर्किल पर विरोध प्रदर्शन होते थे लेकिन बंद कर दिया गया है ऐसे में जरूरी है कि विधानसभा , सचिवालय के आसपास कोई ऐसी जगह जहां लोग अपनी बात कह सके , उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस सत्ता में वो कल विपक्ष में भी होगी , जो आज विपक्ष में है वो कल सत्ता में भी होंगे , ऐसे में सभी को लोकतंत्र में अपनी बात रखने के लिए एक पर्याप्त स्थान चाहिए

बाइट:- निखिल डे - सामाजिक कार्यकर्ता
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