जयपुर. देशभर में कोरोना वायरस के कहर के बाद हर जगह सैनिटाइजर की मांग ने जोर पकड़ लिया. ऐसे हालात में कालाबाजारी करने वालों के हाथ चांदी लग गई और सस्ता सैनिटाइजर महंगे दामों पर बेचे जाने लगा. इन हालात को देखते हुए 23 मार्च को राजस्थान सरकार ने गंगानगर शुगर मिल्स के जरिए सैनिटाइजर निर्माण की जिम्मेदारी को संभाला और अब तक राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में 16 लाख से ज्यादा सैनिटाइजर वाली बोतलों को सप्लाई कर दिया गया.
जयपुर यूनिट की बात करें तो यहां लगभग 70 हजार से एक लाख के बीच सैनिटाइजर की बोतल को रोजाना तैयार कर अलग-अलग हिस्सों में भेजा जा रहा है. कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बाजार में उपलब्ध अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर के इस्तेमाल पर विशेषज्ञों का जोर रहा है.
ऐसी परिस्थितियों में सरकारी गंगानगर शुगर मिल ने भी अपनी जिम्मेदारी को समझा और मदिरा निर्माण को रोक कर प्रमुखता के साथ सैनिटाइजर निर्माण पर जोर दिया. सरकार से आदेश मिलने के लगभग 24 घंटे बाद गंगानगर शुगर मिल्स की हनुमानगढ़, जयपुर, कोटा और अन्य यूनिट में सैनिटाइजर बनाने का काम जोर पकड़ चुका था. इसके लिए कच्चे माल की किल्लत सबसे बड़ी चुनौती थी. लेकिन शुगर मिल के मैनेजमेंट ने अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर पड़ोसी राज्यों से सामान जुटाकर इसे आगे बढ़ा दिया.
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बता दें कि गंगानगर शुगर मिल्स में तैयार सैनिटाइजर में 70 फीसदी एथिल अल्कोहल, ग्लिसरीन, एलोवेरा जेल, हाइड्रोजन, पेरोक्साइड, फूड कलर और एसेंस को मिलाकर इसे बेहतर गुणवत्ता के लिए तैयार किया गया है. जिसकी मदद से संक्रमण से पार पाया जा सके. राजस्थान में तैयार इस सैनिटाइजर की मांग अब पड़ोसी राज्यों में भी होने लगी है.
मिल प्रबंधन के मुताबिक पंजाब, हरियाणा और मध्यप्रदेश ने राजस्थान से तैयार सैनिटाइजर मांगा है. फिलहाल राजस्थान की रिटेल शॉप्स के अलावा इस सैनिटाइजर को कलेक्टर और रसद विभाग के मार्गदर्शन में राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में भेजा जा रहा है. जहां से इसे सरकारी कर्मचारी और फील्ड में तैनात कोरोना वारियर्स के इस्तेमाल के लिए भेजा जाता है.