जयपुर. लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे पैराटीचर्स को राज्य सरकार ने राहत दी है. सरकार ने पैराटीचर्स के मानदेय में बढ़ोतरी के आदेश जारी किए हैं. सरकार ने एक अप्रैल 2020 से पैराटीचर्स का 15 फीसदी मानदेय बढ़ाया है. अल्पसंख्यक मामला विभाग के संयुक्त शासन सचिव की ओर से यह आदेश जारी किया गया है.
आदेश के तहत अलग-अलग वर्ग के पैराटीचर्स को बढ़ा हुआ मानदेय दिया जाएगा. पैराटीचर काफी लंबे समय से मानदेय बढ़ाने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे थे. आदेश के अनुसार 2001 में प्रथम चरण में भर्ती 57 संविदा कर्मियों का मानदेय 9475 रुपए से बढ़ाकर 10896 रुपए किया गया है. इसी तरह 2003 में द्वितीय चरण में भर्ती 11 संविदा कर्मियों का मानदेय 9475 से बढ़ाकर 10896 रुपए किया गया है.
2003 में ही तृतीय चरण में भर्ती 258 कर्मचारियों का मानदेय 9475 से बढ़ाकर 10896 रुपए किया गया है. 2008 के चतुर्थ चरण में भर्ती 891 कर्मचारियों का मानदेय 8265 से बढ़ाकर 9505 रुपए किया गया है. पांचवें चरण में दो बार पैरा टीचर्स की भर्ती हुई थी. पांचवे चरण में पहले 2011 में भर्ती 1168 कर्मचारियों का मानदेय 7781 से बढ़ाकर 8948 और दूसरे चरण में 2012 में भर्ती 1206 संविदा कर्मियों का मानदेय 7602 से बढ़ाकर 8742 रुपए किया गया है.
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सीपीटी के तहत 2011 में भर्ती 312 संविदा कर्मियों का मानदेय 7781 से बढ़ाकर 8948 रुपए किया गया है. इसी तरह से 2013 के छठे चरण में भर्ती 1737 संविदा कर्मियों का मानदेय 7602 से बढ़ाकर 8742 रुपए किया गया है. 2001 में एसएससी के तहत भर्ती 54 कर्मचारियों को 9475 से बढ़ाकर 10896 रुपए दिए जाएंगे. इस तरह कुल 5694 संविदा कर्मियों का मानदेय सरकार ने 15 फीसदी बढ़ाया है.
राजस्थान मदरसा पैराटीचर संघ के प्रदेश अध्यक्ष आजम खान पठान ने कहा कि बजट घोषणा के तहत सरकार ने मदरसा पैराटीचर का मानदेय बढ़ाया है. इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद का आभार जताया है. आजम खान पठान ने कहा पैराटीचर्स का 400 रुपए वार्षिक जो वृद्धि होती है उसकी कटौती न की जाए.