जयपुर. 3 मई को कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के मकसद से जारी किए गए लॉकडाउन की मियाद पूरी हो जाएगी. ऐसे में राजस्थान के आम आदमी के मन में यही सवाल गूंज रहा है कि क्या लॉक डाउन आगे बढ़ेगा? ऐसे में सरकार लोगों की चिंता को सर्वोपरि मानते हुए आर्थिक पक्ष का ख्याल भी कर रही है. साथ ही प्रदेश में फंसे प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी के साथ-साथ अन्य राज्यों में रुके हुए राजस्थान के मजदूरों को और अन्य कामों में जुटे लोगों को वापस लाने के पक्ष पर विचार कर रही है. पर सवाल लॉकडाउन का है, जिसमें लगता है कि इससे राज्य में अभी और आगे बढ़ाया जा सकता है.
सीएम गहलोत ने बड़े पैकेज की मांग की...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़े स्तर पर आर्थिक पैकेज की मांग की थी. इसके साथ-साथ गहलोत ने लॉकडाउन को लेकर राज्यों के स्तर पर अधिकार दिए जाने की भी वकालत की. राजस्थान की अगर बात करें तो लॉकडाउन के बाद यहां स्थितियां नियंत्रित तो की गई है, लेकिन इन पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है. जयपुर रेड जोन में होने के साथ-साथ लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के चढ़ते ग्राफ का साक्षी भी बन रहा है.
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सोमवार को दोपहर में आई रिपोर्ट के मुताबिक जयपुर में 827 संक्रमित मरीज थे, तो वहीं 25 मरीजों की मौत हो गई थी. इसके साथ ही जोधपुर में 370, कोटा में 162, टोंक में 123, नागौर में 113, भरतपुर में 110 और अजमेर में 124 संक्रमित मरीजों की संख्या रही. जबकि राज्य में 2234 मामले कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या के साथ ही 46 मरीजों की इस बीमारी के कारण मौत हो गई.
राजस्थान में भी हालात चिंताजनक
इन आंकड़ों से तस्वीर साफ है कि लॉकडाउन की कारण राजस्थान में महामारी ने विकराल रूप तो नहीं लिया, लेकिन इससे हालात अभी चिंताजनक बने हुए हैं. ऐसे हालात में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक तरफ आर्थिक रूप से लोगों को राहत देने के पक्ष में है, तो वहीं प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के साथ-साथ राजस्थान से जुड़े श्रमिकों की घर वापसी के पक्ष में है.
इन हालात में यह भी लगता है कि राजस्थान सरकार लॉकडाउन को लंबा नहीं खींचना चाहती है, परंतु पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कई बार खुद सीएम अशोक गहलोत कह चुके हैं कि लॉकडाउन के लिए हमें धैर्य चीन के वुहान और पश्चिम के अन्य देशों से सीखना चाहिए.
जयपुर में कर्फ्यू से 17 लाख लोग प्रभावित
लॉकडाउन के बीच अकेले जयपुर शहर के अलग-अलग हिस्सों में लगी कर्फ्यू से 17 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं 5 बड़ी संभाग मुख्यालयों पर संक्रमित मरीजों की संख्या सैकड़ों में है. लिहाजा यह परिस्थितियां इशारा करती हैं कि राजस्थान में लॉकडाउन को वापस लिए जाने का मतलब खतरे को न्योता दिया जाना है.
राजस्थान में लॉकडाउन एक साथ हटाना संभव नहीं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुताबिक राजस्थान में एक साथ लॉकडाउन को हटाना संभव नहीं है. इसके लिए लोगों के बर्ताव, सोशल डिस्टेंसिंग, अधिक संक्रामक इलाकों के हालात और मरीजों के बढ़ते ग्राफ जैसे विषयों की तरफ भी ध्यान देना होगा. इसलिए गहलोत इस हक में हैं कि लॉकडाउन को लेकर बनाई जाने वाली रणनीति में राज्य से मिलने वाले सुझावों को भी प्रमुखता से स्थान मिलना चाहिए.
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मुख्यमंत्री गहलोत मानते हैं कि दुकानें और उद्योग अगर नहीं खुलेंगे तो आर्थिक हालात बिगड़ सकते हैं. लेकिन वे यह भी मानते हैं कि हर क्षेत्र और राज्य की परिस्थितियां अलग-अलग है और जिलों में भी हालात अलग होते हैं. लिहाजा लॉकडाउन कहां और कैसे लागू हो ये राज्यों पर निर्भर रहना चाहिए.