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Gehlot and Forest Department Meet : CM का आदेश- सभी जिलों में बनाई जाएं लव-कुश वाटिकाएं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में लव-कुश वाटिका (luv Kush Vatika In Rajasthan) विकसित करने के निर्देश दिए.

Gehlot and Forest Department Meet
सीएम बोले-सभी जिलों में बनाई जाएं लव-कुश वाटिकाएं
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Published : May 25, 2022, 8:24 AM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री निवास पर वन विभाग की समीक्षा बैठक (Gehlot and Forest Department Meet) को संबोधित करते हुए सीएम ने कई निर्देश जारी किए. यहीं उन्होंने लव कुश वाटिका (luv Kush Vatika In Rajasthan) की बात कही. इस वाटिका को गढ़ने में करीब 2-2 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. मीटिंग में गहलोत ने औषधीय पौधे वितरित करने की योजना को व्यवहारिक करार दिया और जोर दिया कि इसका दायरा और बढ़ाया जाए. उन्होंने राय दी कि भविष्य में औषधीय के साथ फलदार पौधों का भी वितरण किया जाए.

वन अधिकारी-कर्मचारियों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपका कार्य चुनौतीपूर्ण और रोचक है. साथ ही पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए वन्यजीव संरक्षण और वनों के विस्तार को भी जरूरी बताया. उन्होंने वन अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन क्षेत्र के साथ-साथ पूरे प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करें. विभागीय कार्यों में पारदर्शिता लाने के साथ बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करें. वन क्षेत्र विकसित करने, मानसून में अधिक से अधिक पौधारोपण के लिए आमजन को सहभागी बनाएं.

पढ़ें-अफसरों की क्लास! सीएम गहलोत आज करेंगे सभी विभागों की समीक्षा, बजट क्रियान्वयन को लेकर जारी होंगे आवश्यक दिशा निर्देश

FCA में अटके मामले जल्द निपटाएं: गहलोत ने निर्देश दिया कि राज्य पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण (SIIAA) में पर्यावरण मंजूरी के प्रकरणों का निश्चिचत समयावधि में और पारदर्शिता के साथ निपटारा किया जाए, ताकि आवेदकों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि आवेदकों को उनके उद्योग स्थापित करने और अन्य कार्यों के लिए नियमानुसार स्वीकृतियां मिलें. उन्होंने वन संरक्षण अधिनियम (FCA )में लंबित प्रकरणों को भी जल्द निपटारा करने के निर्देश दिए.

वन्यजीवों से छेड़छाड़ रुके: मुख्यमंत्री ने सभी घोषणाओं को समय पर सुनियोजित तरीके से पूरा कराने के निर्देश दिए. उन्होंने वन क्षेत्र में वन्यजीवों से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि अभयारण्य घूमने आने वाले पर्यटकों को वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति जागरूक भी किया जाए. उन्होंने चूरू के तालछापर अभयारण्य में वन्यजीव प्रबंधन प्रशिक्षण केंद्र की प्रगति, चंबल घडि़याल अभयारण्य को पर्यटन दृष्टि से विकसित किए जाने, जोधपुर में ‘पद्मश्री कैलाश सांखला स्मृति वन‘ को शुरू करने, फतेहपुर-सीकर में सिटी नेचर पार्क के निर्माण सहित अन्य कार्याें की समीक्षा की.

जयपुर. मुख्यमंत्री निवास पर वन विभाग की समीक्षा बैठक (Gehlot and Forest Department Meet) को संबोधित करते हुए सीएम ने कई निर्देश जारी किए. यहीं उन्होंने लव कुश वाटिका (luv Kush Vatika In Rajasthan) की बात कही. इस वाटिका को गढ़ने में करीब 2-2 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. मीटिंग में गहलोत ने औषधीय पौधे वितरित करने की योजना को व्यवहारिक करार दिया और जोर दिया कि इसका दायरा और बढ़ाया जाए. उन्होंने राय दी कि भविष्य में औषधीय के साथ फलदार पौधों का भी वितरण किया जाए.

वन अधिकारी-कर्मचारियों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपका कार्य चुनौतीपूर्ण और रोचक है. साथ ही पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए वन्यजीव संरक्षण और वनों के विस्तार को भी जरूरी बताया. उन्होंने वन अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन क्षेत्र के साथ-साथ पूरे प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करें. विभागीय कार्यों में पारदर्शिता लाने के साथ बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करें. वन क्षेत्र विकसित करने, मानसून में अधिक से अधिक पौधारोपण के लिए आमजन को सहभागी बनाएं.

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वन्यजीवों से छेड़छाड़ रुके: मुख्यमंत्री ने सभी घोषणाओं को समय पर सुनियोजित तरीके से पूरा कराने के निर्देश दिए. उन्होंने वन क्षेत्र में वन्यजीवों से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि अभयारण्य घूमने आने वाले पर्यटकों को वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति जागरूक भी किया जाए. उन्होंने चूरू के तालछापर अभयारण्य में वन्यजीव प्रबंधन प्रशिक्षण केंद्र की प्रगति, चंबल घडि़याल अभयारण्य को पर्यटन दृष्टि से विकसित किए जाने, जोधपुर में ‘पद्मश्री कैलाश सांखला स्मृति वन‘ को शुरू करने, फतेहपुर-सीकर में सिटी नेचर पार्क के निर्माण सहित अन्य कार्याें की समीक्षा की.

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