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अवनी लेखरा और तुलसी मीना जैसी हस्तियों के सामने महिलाओं को 'झगड़ालू' कह गये शिक्षा मंत्री..महिला नेताओं ने 'सोच' पर खाया तरस

राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर महिलाओं को लेकर दिये एक बयान पर चौतरफा घिर गए. डोटासरा ने राज्य स्तरीय पुरस्कार समारोह में कहा था कि जिन स्कूलों में महिला स्टाफ ज्यादा होता है, वहां आपसी झगड़े भी खूब होते हैं. उनके इस बयान के बाद वे भाजपा और महिला नेताओं के निशाने पर आ गये.

शिक्षा मंत्री के बयान पर बवाल
शिक्षा मंत्री के बयान पर बवाल
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Published : Oct 13, 2021, 10:01 PM IST

जयपुर. अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जयपुर में एक राज्य स्तरीय पुरस्कार समारोह में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने महिलाओं को लेकर जो बयान दिया उसकी निंदा चहुंओर से की जा रही है. पहले से राजस्थान में रीट परीक्षा में पेपर लीक को लेकर शिक्षा मंत्री घिरे हुए हैं, उस पर महिलाओं पर 'झगड़ालू' होने का इल्जाम लगाने के बाद वे तीखे निशाने पर आ गए.

दरअसल अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद और समग्र शिक्षा विभाग ने एक राज्यस्तरीय समारोह का आयोजन किया था. समारोह में विशेष उपलब्धियां हासिल करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया गया था. कार्यक्रम में ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली अवनी लेखरा और पर्वतारोही तुलसी मीना जैसी हस्तियों की मौजूदगी में शिक्षा मंत्री ने कहा था कि जिन स्कूलों में महिला स्टाफ ज्यादा होता है वहां झगड़े भी ज्यादा होते हैं. महिलाएं छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करती हैं.

शिक्षा मंत्री के बयान पर बवाल

हालांकि यह कहने से पहले उन्होंने भूमिका में कहा था कि पहले बेटे-बेटी में फर्क समझा जाता था. बाल विवाह का प्रचलन था. गांवों में सिर्फ बेटों को पढ़ने का हक था. शिक्षा का महत्व लोगों ने समझा तो बेटियों को पढ़ाने लगे. अब बेटियों ने कई मामलों में बेटों को पीछे छोड़ दिया है. सरकारी नौकरी, पदस्थापन और प्रमोशन में भी महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. लेकिन जिन स्कूलों में महिला स्टाफ ज्यादा होता है, वहां आपसी झगड़े भी बहुत होते हैं. यदि इसमें सुधर आ जाए तो बात ही कुछ और होगी.

यह महिला विरोधी और दूषित मानसिकता वाला बयान- अल्का सिंह गुर्जर

शिक्षा मंत्री डोटासरा के बयान को भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर ने महिला विरोधी और दूषित मानसिकता वाला बयान करार दिया. डॉ. अलका सिंह गुर्जर ने एक बयान जारी कर कहा कि राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का यह बयान बेहद शर्मनाक है. गुर्जर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष यह नहीं भूलें कि उन्हीं की पार्टी की प्रतिभा सिंह पाटिल देश की राष्ट्रपति बनीं थीं. इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनीं और मीरा सिंह लोकसभा के अध्यक्ष पद तक पहुंचीं.

पढ़ें- जिन स्कूलों में महिला स्टाफ ज्यादा, वहां आपसी झगड़े भी ज्यादा: गोविंद सिंह डोटासरा

मूर्ख मंत्री हैं डोटासरा- सुमन शर्मा

राजस्थान महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा ने डोटासरा को मूर्ख मंत्री बता दिया. सुमन शर्मा ने कहा कि शिक्षा मंत्री की बुद्धि पर उन्हें तरस आती है. एक मंत्री पद पर रहकर व्यक्ति इस प्रकार के बयान कैसे दे सकता है ? शिक्षा राज्यमंत्री के बयान की निंदा होनी चाहिए. सुमन शर्मा ने कहा कि डोटासरा को महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए.

भिक्षा मंत्री भी ऐसा बयान नहीं दे सकता- ज्ञानदेव आहूजा

भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने भी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर एतराज उठाया. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री तो क्या, भिक्षा मंत्री भी इस तरह का बयान नहीं दे सकता. आहूजा ने कहा कि डोटासरा कभी महिलाओं का अपमान करते हैं, तो कभी महिलाओं पर असामाजिक और शर्मनाक टिप्पणी करते हैं. इनके शासनकाल में कभी आरपीएससी में घोटाले सामने आते हैं तो कभी रीट की परीक्षा में धांधली हो जाती है. शिक्षा मंत्री अपनी खुद की कटी हुई नाक को बचाने के लिए दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं.

जाहिर है कि शिक्षा मंत्री डोटासरा के बयान से महिलाएं आहत हुई हैं. बड़ी बात यह है कि महिलाओं पर उन्होंने यह बयान उस वक्त दिया जब पूरा विश्व बालिका दिवस मना रहा था. जब भारत में नौ दिनों तक देवी की पूजा होती है और कन्याओं पर श्रद्धा बरसाई जाती है. यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उसी कार्यक्रम अवनी लेखरा और तुलसी मीना जैसी शख्सियतें मौजूद थीं, जिन्होंने दुनिया के सामने भारत का सिर गर्व से ऊंचा किया है. उनके सामने शिक्षा मंत्री का महिलाओं को झगड़ालू कह जाना विवाद तो पैदा करता ही.

जयपुर. अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जयपुर में एक राज्य स्तरीय पुरस्कार समारोह में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने महिलाओं को लेकर जो बयान दिया उसकी निंदा चहुंओर से की जा रही है. पहले से राजस्थान में रीट परीक्षा में पेपर लीक को लेकर शिक्षा मंत्री घिरे हुए हैं, उस पर महिलाओं पर 'झगड़ालू' होने का इल्जाम लगाने के बाद वे तीखे निशाने पर आ गए.

दरअसल अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद और समग्र शिक्षा विभाग ने एक राज्यस्तरीय समारोह का आयोजन किया था. समारोह में विशेष उपलब्धियां हासिल करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया गया था. कार्यक्रम में ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली अवनी लेखरा और पर्वतारोही तुलसी मीना जैसी हस्तियों की मौजूदगी में शिक्षा मंत्री ने कहा था कि जिन स्कूलों में महिला स्टाफ ज्यादा होता है वहां झगड़े भी ज्यादा होते हैं. महिलाएं छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करती हैं.

शिक्षा मंत्री के बयान पर बवाल

हालांकि यह कहने से पहले उन्होंने भूमिका में कहा था कि पहले बेटे-बेटी में फर्क समझा जाता था. बाल विवाह का प्रचलन था. गांवों में सिर्फ बेटों को पढ़ने का हक था. शिक्षा का महत्व लोगों ने समझा तो बेटियों को पढ़ाने लगे. अब बेटियों ने कई मामलों में बेटों को पीछे छोड़ दिया है. सरकारी नौकरी, पदस्थापन और प्रमोशन में भी महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. लेकिन जिन स्कूलों में महिला स्टाफ ज्यादा होता है, वहां आपसी झगड़े भी बहुत होते हैं. यदि इसमें सुधर आ जाए तो बात ही कुछ और होगी.

यह महिला विरोधी और दूषित मानसिकता वाला बयान- अल्का सिंह गुर्जर

शिक्षा मंत्री डोटासरा के बयान को भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर ने महिला विरोधी और दूषित मानसिकता वाला बयान करार दिया. डॉ. अलका सिंह गुर्जर ने एक बयान जारी कर कहा कि राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का यह बयान बेहद शर्मनाक है. गुर्जर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष यह नहीं भूलें कि उन्हीं की पार्टी की प्रतिभा सिंह पाटिल देश की राष्ट्रपति बनीं थीं. इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनीं और मीरा सिंह लोकसभा के अध्यक्ष पद तक पहुंचीं.

पढ़ें- जिन स्कूलों में महिला स्टाफ ज्यादा, वहां आपसी झगड़े भी ज्यादा: गोविंद सिंह डोटासरा

मूर्ख मंत्री हैं डोटासरा- सुमन शर्मा

राजस्थान महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा ने डोटासरा को मूर्ख मंत्री बता दिया. सुमन शर्मा ने कहा कि शिक्षा मंत्री की बुद्धि पर उन्हें तरस आती है. एक मंत्री पद पर रहकर व्यक्ति इस प्रकार के बयान कैसे दे सकता है ? शिक्षा राज्यमंत्री के बयान की निंदा होनी चाहिए. सुमन शर्मा ने कहा कि डोटासरा को महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए.

भिक्षा मंत्री भी ऐसा बयान नहीं दे सकता- ज्ञानदेव आहूजा

भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने भी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर एतराज उठाया. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री तो क्या, भिक्षा मंत्री भी इस तरह का बयान नहीं दे सकता. आहूजा ने कहा कि डोटासरा कभी महिलाओं का अपमान करते हैं, तो कभी महिलाओं पर असामाजिक और शर्मनाक टिप्पणी करते हैं. इनके शासनकाल में कभी आरपीएससी में घोटाले सामने आते हैं तो कभी रीट की परीक्षा में धांधली हो जाती है. शिक्षा मंत्री अपनी खुद की कटी हुई नाक को बचाने के लिए दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं.

जाहिर है कि शिक्षा मंत्री डोटासरा के बयान से महिलाएं आहत हुई हैं. बड़ी बात यह है कि महिलाओं पर उन्होंने यह बयान उस वक्त दिया जब पूरा विश्व बालिका दिवस मना रहा था. जब भारत में नौ दिनों तक देवी की पूजा होती है और कन्याओं पर श्रद्धा बरसाई जाती है. यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उसी कार्यक्रम अवनी लेखरा और तुलसी मीना जैसी शख्सियतें मौजूद थीं, जिन्होंने दुनिया के सामने भारत का सिर गर्व से ऊंचा किया है. उनके सामने शिक्षा मंत्री का महिलाओं को झगड़ालू कह जाना विवाद तो पैदा करता ही.

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