जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस की सरकार (Congress Government) बने अब ढाई साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब भी कांग्रेस के उस कार्यकर्ता को अपने लिए राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार है, जिसने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को जिताने के लिए खून पसीना बहाया था. कांग्रेस के बड़े नेता भले ही हर बार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खून पसीने से सरकार बनने की बात करते हैं, लेकिन ढाई साल बीत जाने के बाद भी अब तक कांग्रेस कार्यकर्ता के हाथ खाली हैं.
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लेकिन, अब पिछले ढाई साल से राजनीतिक नियुक्तियों (Political Appointment) का इंतजार कर रहे कार्यकर्ताओं का इंतजार जल्द ही खत्म होने जा रहा है. राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) समाप्त होते ही कार्यकर्ताओं और नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों का तोहफा (gift of political appointments) देने जा रही है. कहा जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों का काउंटडाउन शुरू हो चुका है.
वैसे भी बीते 1 महीने में सरकार ने वित्त आयोग (Finance Commission) और राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (Rajasthan State Industrial Development Corporation Limited) में राजनीतिक नियुक्तियां की है. माना जा रहा है कि जल्द ही खाली पड़े आधा दर्जन से ज्यादा संवैधानिक आयोग और जिला स्तरीय ओर उपखंड स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियां फाइनल कर दी जाएगी.
इनमें सबसे कांग्रेस के जमीन से जुड़े कार्यकर्ता की जो 15 जिला स्तरीय और उपखंड स्तरीय नियुक्तियां होनी है, वो इसी महीने करने की कार्रवाई शुरू हो गई है. प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने संगठन के पदाधिकारियों को इन नियुक्तियों के लिए दिए गए प्रोफॉर्मा को तुरंत भरकर मंगवा लिया है. 12 चुनावी जिलों को छोड़कर बाकी की जिला स्तरीय और उपखंड स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियां (Political Appointment) इसी महीने कर दी जाएगी. खुद प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 8 जून के बाद जब लॉकडाउन (Lockdown) में रियायत मिलेगी तो उसके बाद वह बैठक कर इस पर अंतिम निर्णय भी ले लेंगे.
इन उपखण्ड ओर जिला स्तरीय समितियों में होंगी 12000 नियुक्तियां
प्रदेश में 21 जिलों में जिला स्तरीय और उपखंड स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों (Political Appointment) की कवायद फरवरी महीने में ही शुरू हो गई थी. इसको लेकर प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) ने जिला प्रभारियों को एक परफॉर्मा दिया था. जिसमें जिला और उपखंड स्तरीय 85 समितियों में से 15 समितियों के लिए नाम मांगे थे. उपखंड स्तर पर पांच और जिला स्तर पर 10 समितियों के नाम मांगे गए थे.
इन समितियों में उपखंड स्तरीय सतर्कता समिति, उपखंड स्तरीय वन अधिकारी समिति, उपखंड स्तरीय समीक्षा एवं संचालन समिति, पेय जल प्रदूषण की रोकथाम हेतु समिति, उपखंड स्तरीय जल वितरण समिति शामिल है. इसी तरीके से जिला स्तरीय समितियों में जन अभाव अभियोग निराकरण समिति, जिला स्तरीय समन्वय समिति, जिला स्तरीय समीक्षा एवं संचालन समिति, जिला लोक शिक्षा समिति, प्रधान मंत्री 15 सूत्री कार्यक्रम, जिला स्तरीय अल्पसंख्यक मामलात कमेटी, जिला स्तरीय जल वितरण समिति, संभाग स्तरीय जल वितरण समिति, जिला स्तरीय महिला सहायता समिति, जिला क्रीड़ा परिषद समिति और 20 सूत्री कार्यक्रम आयोजना क्रियान्वयन एवं समन्वय शामिल है.
12000 नेताओं को मिलेगी नियुक्ति
कांग्रेस के पदाधिकारियों ने जो प्रोफॉर्मा भरकर प्रदेश कांग्रेस (Rajasthan Congress) को दे दिया है, उनमें करीब 12000 कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियां के जरिए एडजस्ट किया जाएगा. हालांकि प्रदेश में करीब 35000 राजनीतिक नियुक्तियां जिला एवं उपखंड स्तर पर होती है, लेकिन अभी 21 जिलों के 5 उपखंड और 10 जिला स्तरीय समितियों में ही राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएगी.
इन 12 जिलों को अभी रखा गया है अलग
राजनीतिक नियुक्तियों में अभी 12 जिलों को अलग रखा गया है और उसके पीछे कारण है इन जिलों में पंचायत और जिला परिषद चुनाव का नहीं होना. इन 12 जिलों में अलवर, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, जोधपुर, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सिरोही और श्रीगंगानगर शामिल है. इन जिलों को छोड़कर बाकी के जिलों में 5 उपखंड और 19 जिला स्तरीय समितियों में 12000 नियुक्तियां इसी महीने कर दी जाएगी.
पायलट कैंप (Pilot Camp) के नेताओं को भी किया जाए एडजस्ट
राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों (Political Appointment in Rajasthan) का काम तो साल 2020 में ही पूरा हो जाना था. इसके लिए तत्कालीन कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे (Avinash Pandey) ने नाम भी मंगवा लिए थे और उन पर एक्सरसाइज भी पूरी हो गई थी, लेकिन जुलाई 2020 में जब राजस्थान में पायलट कैंप (Pilot Camp) ने बगावत कर दी, उसके बाद हुई सुलह के बाद प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को हटाकर उनकी जगह अजय माकन (Ajay Maken) को राजस्थान का प्रभारी बनाया गया.
ऐसे में राजनीतिक नियुक्तियों की कवायद नए सिरे से राजस्थान में शुरू हुई, लेकिन अब भी पायलट कैंप (Pilot Camp) और गहलोत कैंप (Gehlot Camp) के बीच चल रहे शीतयुद्ध के बीच किस तरीके से प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) और प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कांग्रेस नेताओं (Congress Leaders) और कार्यकर्ताओं की लिस्ट तैयार करते हैं, यह एक बड़ी चुनौती होगी.
हालांकि, कहा जा रहा है कि जिन जिलों में विधायक पायलट कैंप (MLA of Pilot Camp) के हैं, वहां पायलट कैंप के समर्थक नेताओं को नियुक्तियां दी जा सकती है. हालांकि इन नियुक्तियों को लेकर दोनों ही नेताओं को कड़ी एक्सरसाइज करनी होगी.
हारे नेताओं को भी मिल सकती है राजनीतिक नियुक्तियां
पहले कांग्रेस पार्टी में यह फार्मूला बन गया था कि लोकसभा (Loksabha) और विधानसभा (Vidhansabha) के चुनाव हार चुके नेता किसी भी राजनीतिक नियुक्ति में शामिल नहीं होंगे. लेकिन, राजस्थान में जयपुर से विधानसभा चुनाव हारे सीताराम अग्रवाल (Sitaram Agrawal) को जब से रीको का निदेशक बनाया गया है अब यह बातें कही जा रही है कि विधानसभा और लोकसभा में हारे नेताओं को भी राजनीतिक नियुक्तियां दी जा सकती है. हालांकि यs नेता प्रमुख संवैधानिक आयोगों में ही नियुक्ति चाहते हैं.
इन आयोगों में होनी है राजनीतिक नियुक्तियां
प्रदेश में जिला और उपखंड स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियां (Political Appointment) तो अभी बाकी ही है. इसके साथ ही जिन संवैधानिक आयोगों में नियुक्तियां होनी है उनमें महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, ओबीसी आयोग, एससी-एसटी आयोग और निशक्तजन आयोग प्रमुख है.