जयपुर. राजस्थान में अभी कांग्रेस पार्टी में 6 नगर निगम चुनाव में पर्याप्त संख्या में जीत कर आने के बाद भी किसी भी नगर निगम में महापौर नहीं बनाए जाने से मुस्लिमों की नाराजगी की चर्चाएं आम हैं. कांग्रेस पार्टी में लगातार इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है कि उनकी पार्टी के साथ जुड़ा ये बड़ा अल्पसंख्यक वोट कहीं छिटक नहीं जाए. और नाराज मुस्लिम आगे आने वाले चुनाव में कहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का दामन ना थाम लें.
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वोट बैंक के छिटकने के भय से निजात पाने के लिए कांग्रेस पार्टी अब नई रणनीति तैयार करने में जुट गई है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस राजस्थान में पहले से ज्यादा मुस्लिम जिला अध्यक्ष बना सकती है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी में मंथन शुरू भी हो गया है और कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की इस मुद्दे पर चर्चा भी हो चुकी है. बताया जा रहा है कि इस मामले में प्रदेश प्रभारी अजय माकन से भी हरी झंडी मिल गई है कि प्रदेश में करीब 30% जिला अध्यक्ष मुस्लिम अल्पसंख्यकों को बनाया जाए.
सचिन पायलट की कार्यकारिणी में थे चार जिला अध्यक्ष मुस्लिम
पार्टी के 6 साल से भी अधिक समय तक अध्यक्ष रहे सचिन पायलट की कार्यकारिणी में 4 मुस्लिम जिला अध्यक्ष थे. जिनमें जोधपुर शहर, सवाई माधोपुर, नागौर और जैसलमेर शामिल है. हालांकि तब से लेकर भंग चल रही कार्यकारियणी का अभी तक गठन नहीं हो सका है लेकिन गोविंद डोटासरा की टीम में इसकी संख्या 10 से 12 हो सकती है.
यहां मिल सकती है मुस्लिम अल्पसंख्यकों को कमान
राजस्थान में 4 निवर्तमान जिला अध्यक्ष मुस्लिम हैं. अब प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा मुस्लिमों को साधने के लिए अपनी कार्यकारिणी में 10 से 12 नए जिला अध्यक्ष बना सकते हैं. खास बात यह है कि डोटासरा खुद अपने गृह जिले सीकर में भी अल्पसंख्यक मुस्लिम को जिला अध्यक्ष बना सकते हैं. इसके साथ ही राजधानी जयपुर को भी इस बार मुस्लिम जिला अध्यक्ष मिल सकता है.
जयपुर में पहले भी शहीद गुडएज, शाह इकरामुद्दीन और सलीम कागजी मुस्लिम जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा जोधपुर, नागौर, चूरू, धौलपुर, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, और टोंक जैसे जिलों में जिला अध्यक्ष पद पर मुस्लिम वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की चर्चाएं चल रही हैं. इनके अलावा भी एक दो जिलों में मुस्लिमों को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है.