जयपुर. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अध्यक्ष बनने के बाद शुक्रवार को पहली बार आधिकारिक रूप से अकेले प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मीडिया को संबोधित करते नजर आए. इससे पहले भी डोटासरा मीडिया के सामने तो आए, लेकिन उस दौरान उनके साथ अजय माकन भी मौजूद रहे थे.
डोटासरा शुक्रवार को केंद्र सरकार के उन 3 अध्यादेशों के खिलाफ बोलते नजर आए, जिसे लेकर एनडीए के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के कोटे से मंत्री बनी हरसिमरत कौर ने अपना इस्तीफा भी दे दिया है. इस मामले में राजस्थान कांग्रेस भी अब आगे आ गई है और इन तीनों अध्यादेश जिसमें कृषि उपज वाणिज्य और व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश, मूल आश्वासन एवं कृषि सेवा समझौता अध्यादेश और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है.
तीनों अध्यादेशों में काफी कमियां
डोटासरा ने कहा कि केंद्र सरकार के इन तीनों अध्यादेशों में काफी कमियां हैं. इनसे ना केवल किसानों को नुकसान होगा बल्कि मंडी, मजदूर और खेत मजदूर खत्म हो जाएंगे. इसका फायदा सिर्फ व्यापारियों और बिचौलियों को मिलेगा. केंद्र सरकार के इन आध्यादेशों को लाने के बाद किसान मजदूर बन जाएगा, जबकि बड़े कॉर्पोरेट हाउस किसानों पर कंट्रोल करेंगे.
गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि साल 2014 में भी मोदी सरकार बनते ही किसानों की जमीन हड़पने और बड़े उद्योगपतियों को फायदा देने के लिए कानून लाई थी, जिसका किसानों एवं कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के नेतृत्व में भारी विरोध किया था. जिसके चलते किसान विरोधी कानून को केंद्र सरकार को वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा था. अभी भी कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है और किसान विरोधी कानून एवं नीतियों से देश को बर्बाद नहीं होने देगी.
राज्यपाल को भिजवाया जाएगा ज्ञापन
कांग्रेस पार्टी की ओर से किसान विरोधी अध्यादेशों के खिलाफ राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन भिजवाया जाएगा. हालांकि, पहले यह ज्ञापन खुद बड़े नेताओं को राजभवन जाकर देना था, लेकिन राजभवन में कोरोना संक्रमण के चलते अब यह निर्णय लिया गया है कि बड़े नेताओं के हस्ताक्षर करवाकर यह ज्ञापन राजभवन भिजवाया जाएगा.
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कांग्रेस पार्टी किसानों के पक्ष में आंदोलन करेगी
वहीं, किसान विरोधी इन अध्यादेशों को लेकर आंदोलन करने पर भी कांग्रेस पार्टी विचार कर रही है. हालांकि इसका स्वरूप क्या होगा इस पर अंतिम फैसला नहीं किया गया है. डोटासरा ने कहा कि कोरोना संक्रमण चल रहा है, ऐसे में सबसे पहली जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी की लोगों की जान बचाने का है. अगर वह कोई बड़ा आंदोलन हाथ में ले लेते हैं और किसानों को बुलाते हैं तो इसमें किसानों में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी किसानों के पक्ष में आंदोलन तो करेगी लेकिन उसका स्वरूप क्या होगा यह अभी तय किया जाएगा.