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Petrol-Diesel पर कांग्रेस का हल्ला बोल...लेकिन क्या आप जानते हैं सबसे ज्यादा VAT वसूलता है राजस्थान?

पेट्रोल (Petrol-Diesel Price Hike) पर सबसे ज्यादा मूल्य वर्धित कर (वैट) राजस्थान सरकार वसूल करती है. राज्य में 36 प्रतिशत वैट पेट्रोल पर लगता है और 27 प्रतिशत डीजल पर लगता है. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को 5 से 10 परसेंट टैक्स कम कर देना चाहिए जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सके.

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कांग्रेस का हल्ला बोल
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Published : Jun 11, 2021, 9:18 PM IST

जयपुर. पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol-Diesel Price Hike) लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इस वजह से महंगाई भी आसमान छू रही है. महंगाई और पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों के विरोध में शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से राजधानी जयपुर में कड़ा विरोध-प्रदर्शन किया गया. राजधानी जयपुर में जगह-जगह पर स्थित पेट्रोल पंपों पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन करके पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी करने की मांग केंद्र सरकार से की. पर इन सबके बीच एक ​सच ये भी है कि देश में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा मूल्य वर्धित कर (VAT) राजस्थान सरकार (Rajasthan Government ) वसूल करती है. लेकिन अगर तेल पर कुछ टैक्स (TAX) कम हो जाए तो ऐसे त्राहिमाम से बचा जा सकता है. आइए समझते हैं तेल का पूरा खेल..

पढ़ें: अनसुने किस्से : जब राजेश पायलट ने दिखाए थे बागी तेवर, सकते में आ गई थी पूरी कांग्रेस

दरअसल, पेट्रोलियम उत्पादों (Petroleum Products) पर सरकारों की ओर से लगाया जाने वाला कर वैट है. राजस्थान में पेट्रोल पर सर्वाधिक वैट वसूला जा रहा है. राज्य में पेट्रोल पर 36 प्रतिशत और डीजल पर 26 प्रतिशत वैट है. राज्य के श्रीगंगानगर जिले में तेल की आपूर्ति जयपुर ((Jaipur News) ) या जोधपुर (Jodhpur News) से होती है. अधिक दूरी की वजह से परिवहन खर्च ज्यादा हो जाता है. इसलिए पेट्रोल जयपुर में श्रीगंगानगर के मुकाबले चार रुपये सस्ता है. हालांकि पिछले दिनों राजस्थान सरकार ने जनता को अपनी तरफ से राहत देते हुए 2 प्रतिशत वैट में कटौती की थी.

सीए अभिषेक शर्मा

केंद्र और राज्य सरकार को उठाने होंगे कदम

इस बारे में जयपुर के सीए अभिषेक शर्मा बताते हैं कि पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल इंपोर्ट (Petrol-Diesel Import) करती है. क्रूड ऑयल (Crude Oil) की बेसिक प्राइस (Basic Price) में रॉयल मार्केटिंग और कंपनी की ओएमसी कॉस्ट जिसमें ट्रांसपोर्टेशन, मार्केटिंग समेत सारी लागत रहती है. इसके बाद कच्चा तेल इंपोर्ट होकर देश में आता है, तो केंद्र सरकार की ओर से इस पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है.

पढ़ें: हल्ला बोल में सियासी पोलः कांग्रेस आलाकमान को पायलट का सियासी संदेश, पार्टी के साथ लेकिन गहलोत के नहीं

पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी अलग-अलग रेट से लगती है. करीब 25 से 30 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) लगाई जाती है. इसके बाद बारी आती है राज्य सरकारों की. राजस्थान सरकार की बात करें तो 36 प्रतिशत वैट पेट्रोल पर लगता है और 27 प्रतिशत डीजल पर लगता है. रोड सेस अलग से लगाया जाता है. इन सभी करो को मिलाकर आम आदमी को रिटेल प्राइस मिलती है.

अगर प्राइस को कम करने की बात की जाए, तो इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार को टैक्स घटा देना चाहिए. जैसे-जैसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपना टैक्स घटाएंगी, वैसे ही पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने से आम आदमी को राहत मिलेगी. टैक्स कम करना ही जनता को राहत देने का सबसे बड़ा ऑप्शन है. केंद्र और राज्य सरकार को 5 से 10 परसेंट टैक्स कम कर देना चाहिए जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सके.

जयपुर. पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol-Diesel Price Hike) लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इस वजह से महंगाई भी आसमान छू रही है. महंगाई और पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों के विरोध में शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से राजधानी जयपुर में कड़ा विरोध-प्रदर्शन किया गया. राजधानी जयपुर में जगह-जगह पर स्थित पेट्रोल पंपों पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन करके पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी करने की मांग केंद्र सरकार से की. पर इन सबके बीच एक ​सच ये भी है कि देश में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा मूल्य वर्धित कर (VAT) राजस्थान सरकार (Rajasthan Government ) वसूल करती है. लेकिन अगर तेल पर कुछ टैक्स (TAX) कम हो जाए तो ऐसे त्राहिमाम से बचा जा सकता है. आइए समझते हैं तेल का पूरा खेल..

पढ़ें: अनसुने किस्से : जब राजेश पायलट ने दिखाए थे बागी तेवर, सकते में आ गई थी पूरी कांग्रेस

दरअसल, पेट्रोलियम उत्पादों (Petroleum Products) पर सरकारों की ओर से लगाया जाने वाला कर वैट है. राजस्थान में पेट्रोल पर सर्वाधिक वैट वसूला जा रहा है. राज्य में पेट्रोल पर 36 प्रतिशत और डीजल पर 26 प्रतिशत वैट है. राज्य के श्रीगंगानगर जिले में तेल की आपूर्ति जयपुर ((Jaipur News) ) या जोधपुर (Jodhpur News) से होती है. अधिक दूरी की वजह से परिवहन खर्च ज्यादा हो जाता है. इसलिए पेट्रोल जयपुर में श्रीगंगानगर के मुकाबले चार रुपये सस्ता है. हालांकि पिछले दिनों राजस्थान सरकार ने जनता को अपनी तरफ से राहत देते हुए 2 प्रतिशत वैट में कटौती की थी.

सीए अभिषेक शर्मा

केंद्र और राज्य सरकार को उठाने होंगे कदम

इस बारे में जयपुर के सीए अभिषेक शर्मा बताते हैं कि पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल इंपोर्ट (Petrol-Diesel Import) करती है. क्रूड ऑयल (Crude Oil) की बेसिक प्राइस (Basic Price) में रॉयल मार्केटिंग और कंपनी की ओएमसी कॉस्ट जिसमें ट्रांसपोर्टेशन, मार्केटिंग समेत सारी लागत रहती है. इसके बाद कच्चा तेल इंपोर्ट होकर देश में आता है, तो केंद्र सरकार की ओर से इस पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है.

पढ़ें: हल्ला बोल में सियासी पोलः कांग्रेस आलाकमान को पायलट का सियासी संदेश, पार्टी के साथ लेकिन गहलोत के नहीं

पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी अलग-अलग रेट से लगती है. करीब 25 से 30 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) लगाई जाती है. इसके बाद बारी आती है राज्य सरकारों की. राजस्थान सरकार की बात करें तो 36 प्रतिशत वैट पेट्रोल पर लगता है और 27 प्रतिशत डीजल पर लगता है. रोड सेस अलग से लगाया जाता है. इन सभी करो को मिलाकर आम आदमी को रिटेल प्राइस मिलती है.

अगर प्राइस को कम करने की बात की जाए, तो इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार को टैक्स घटा देना चाहिए. जैसे-जैसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपना टैक्स घटाएंगी, वैसे ही पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने से आम आदमी को राहत मिलेगी. टैक्स कम करना ही जनता को राहत देने का सबसे बड़ा ऑप्शन है. केंद्र और राज्य सरकार को 5 से 10 परसेंट टैक्स कम कर देना चाहिए जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सके.

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