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कोरोना संक्रमण की समीक्षा बैठक में CM ने कहा- हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना में न करें लापरवाही - कोरोना समीक्षा बैठक

सीएम गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि लोग हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतें. साथ ही उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर अपने जिला में आवश्यकता अनुसार सीमित क्षेत्र में लाॅकडाउन, रात्रि कर्फ्यू, कन्टेनमेंट सहित अन्य पाबंदियां लगा सकते हैं.

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CM ने कहा कि हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना में न करें लापरवाही
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Published : Aug 4, 2020, 8:42 AM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जिन जिलों में कोरोना के पाॅजिटिव मामले बढ़ रहे हैं. उन जिलों में जिला कलेक्टर आवश्यकता अनुसार सीमित क्षेत्र में लाॅकडाउन, रात्रि कर्फ्यू, कन्टेनमेंट सहित अन्य पाबंदियां लगा सकते हैं. उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन खुलने के बाद लोगों में कोरोना के प्रति सतर्कता में कमी आई है. साथ ही आर्थिक और सामाजिक गतिविधियां, परिवहन और अन्य आवागमन के दौरान लापरवाही के कारण तेजी से कोरोना के मामले बढ़े हैं. ऐसे में कोरोना संबंधी प्रोटोकाॅल की सख्ती से पालना जरूरी है.

यह भी पढ़ें- BJP बेशर्मी से सरकार गिराने की साजिश कर रही हैः CM गहलोत

सीएम गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि लोग हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतें. लाॅकडाउन की तरह ही पूरी गम्भीरता के साथ मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग, सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूंकने सहित अन्य सावधानियों का पालन करें, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन और विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार आने वाले समय में कोरोना की स्थिति और विकट हो सकती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों का संचालन आवश्यक है, लेकिन वहां हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना सुनिश्चित कराई जाए. उन्होंने कहा कि कार्य स्थलों और कार्यालयों का नियमित निरीक्षण करवाया जाए. साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि किसी भी स्थान पर भीड़भाड़ नहीं हो. लोग बेवजह घरों से नहीं निकलें. उन्होंने कहा कि होम क्वॉरेंटाइन में रह रहा कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करें, तो उसे संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेजा जाए.

बैठक में बताया गया कि बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के लिए किए जा रहे दूसरे सर्वे में अब तक 3 लाख 23 हजार 162 परिवारों के करीब 13 लाख 76 हजार परिवारों ने पंजीयन करवाया है. यह सर्वे 15 अगस्त तक चलेगा. चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि अलवर, बाड़मेर, बीकानेर, कोटा, पाली आदि शहरों में रात्रिकालीन कर्फ्यू और सीमित क्षेत्र में कंटेनमेंट किया गया है.
चिकित्सा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि प्रदेश में अब तक 115 रोगियों को प्लाज्मा थैरेपी दी जा चुकी है. साथ ही मेडिकल काॅलेजों से संबद्ध सभी अस्पतालों में रेमेडिसिविर और टोसिलीजूमेब इंजेक्शन उपलब्ध करवा दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें- 'बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ब्लॉक अध्यक्ष बनने के भी काबिल नहीं'

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह, महानिदेशक अपराध एमएल लाठर, अतिरिक्त मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, शासन सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति हेमंत गेरा और सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जिन जिलों में कोरोना के पाॅजिटिव मामले बढ़ रहे हैं. उन जिलों में जिला कलेक्टर आवश्यकता अनुसार सीमित क्षेत्र में लाॅकडाउन, रात्रि कर्फ्यू, कन्टेनमेंट सहित अन्य पाबंदियां लगा सकते हैं. उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन खुलने के बाद लोगों में कोरोना के प्रति सतर्कता में कमी आई है. साथ ही आर्थिक और सामाजिक गतिविधियां, परिवहन और अन्य आवागमन के दौरान लापरवाही के कारण तेजी से कोरोना के मामले बढ़े हैं. ऐसे में कोरोना संबंधी प्रोटोकाॅल की सख्ती से पालना जरूरी है.

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सीएम गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि लोग हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतें. लाॅकडाउन की तरह ही पूरी गम्भीरता के साथ मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग, सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूंकने सहित अन्य सावधानियों का पालन करें, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन और विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार आने वाले समय में कोरोना की स्थिति और विकट हो सकती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों का संचालन आवश्यक है, लेकिन वहां हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना सुनिश्चित कराई जाए. उन्होंने कहा कि कार्य स्थलों और कार्यालयों का नियमित निरीक्षण करवाया जाए. साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि किसी भी स्थान पर भीड़भाड़ नहीं हो. लोग बेवजह घरों से नहीं निकलें. उन्होंने कहा कि होम क्वॉरेंटाइन में रह रहा कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करें, तो उसे संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेजा जाए.

बैठक में बताया गया कि बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के लिए किए जा रहे दूसरे सर्वे में अब तक 3 लाख 23 हजार 162 परिवारों के करीब 13 लाख 76 हजार परिवारों ने पंजीयन करवाया है. यह सर्वे 15 अगस्त तक चलेगा. चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि अलवर, बाड़मेर, बीकानेर, कोटा, पाली आदि शहरों में रात्रिकालीन कर्फ्यू और सीमित क्षेत्र में कंटेनमेंट किया गया है.
चिकित्सा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि प्रदेश में अब तक 115 रोगियों को प्लाज्मा थैरेपी दी जा चुकी है. साथ ही मेडिकल काॅलेजों से संबद्ध सभी अस्पतालों में रेमेडिसिविर और टोसिलीजूमेब इंजेक्शन उपलब्ध करवा दिए गए हैं.

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बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह, महानिदेशक अपराध एमएल लाठर, अतिरिक्त मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, शासन सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति हेमंत गेरा और सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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