जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने पंचायती राज विभाग की अनुमति के बिना महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का ट्रांसफर करने के आदेश पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अधिकरण ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. अधिकरण ने यह आदेश विद्या की अपील पर दिए. अपील में अधिवक्ता आरपी सैनी ने अधिकरण को बताया कि अपीलार्थी झुंझुनूं में महिला कार्यकर्ता के पद पर कार्यरत है. स्वास्थ्य विभाग ने गत 29 सितंबर को उसका तबादला नीमकाथाना कर दिया.
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अपील में कहा गया कि वर्ष 2010 में स्वास्थ्य विभाग सहित आठ अन्य विभागों को पंचायती राज के अधीन किया गया था. ऐसे में अपीलार्थी का ट्रांसफर करने से पहले पंचायती राज विभाग की अनुमति लेना जरूरी था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्तर पर ही उसका तबादला कर दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.
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11 साल बाद छात्रवृत्ति की वसूली करने पर रोक
वहीं राजस्थान हाईकोर्ट ने आईटीआई छात्रों को वर्ष 2008-09 में दी गई छात्रवृत्ति की अब 11 साल बाद वसूली करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव और विभाग के निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश टैगोर आईटीआई कॉलेज व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि विभाग की ओर से सूचना मांगने पर विभाग ने यह नहीं बताया गया कि अतिरिक्त छात्रवृत्ति कब और कैसे दी गई. इससे साबित है कि विभाग की ओर से नियमानुसार सिर्फ वर्ष में एक बार ही छात्रवृत्ति जारी की गई थी. ऐसे में विभाग के वसूली आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने वसूली पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.