जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पेश किए गए बजट घोषणाओं का अंबार है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया कहते हैं कि घोषणाओं का तो अंबार लगा दिया लेकिन उसे पूरा करने और धरातल पर लाने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं दिख रहा. ऐसे में यह बजट तो ठीक वैसा ही रहा कि उधार लो, घी पियो और मस्त रहो. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बजट मे घोषणाएं की गई है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार को मध्यवर्ती चुनाव होने का डर सता रहा है.
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कटारिया ने कहा कि जो घोषणा सदन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की है, उसमें पिछले बजट की कुछ बातों को भी समाहित कर लिया गया. केंद्र सरकार का जो पैसा राज्य को मिल रहा है, उसको भी इन घोषणाओं में शामिल करते हुए घोषणाओं का अंबार लगा दिया गया. कटारिया ने कहा कि प्रदेश सरकार खुद 23 हजार करोड़ का सकल घाटा होने की बात कह रही है, लेकिन जब यह बजट घोषणा धरातल पर आएगी तो यह घाटा बढ़कर 50 हजार करोड़ से अधिक पहुंच जाएगा.
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गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पिछले बजट में भी 88 कॉलेज खोलने की घोषणा की गई थी, लेकिन उसके लिए बजट में प्रावधान नहीं रखा गया. संविदा कर्मियों से जो वादा किया था उसे भी मौजूदा बजट में पूरा नहीं किया गया. यह बेरोजगारों और संविदा कर्मियों के साथ धोखा ही है.