जयपुर. गहलोत सरकार 24 फरवरी को बजट पेश करने जा रही है. कोरोना के बाद की परिस्थितियों में हर वर्ग बजट से आस लगाए बैठा है. प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को भी इस बजट से खास उम्मीदें हैं. जहां कोरोना में कर्मचारियों को ना केवल फ्रंट वॉरियर्स के रूप में काम किया बल्कि उनको वेतन कटौती का भी सामना करना पड़ा. राजस्थान बजट 2021-22 से कर्मचारियों को क्या उम्मीदें हैं इसको लेकर ईटीवी भारत ने कर्मचारी संगठनों से बात की.
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राजस्थान के कर्मचारी संगठन सरकार पर वादाखिलाफी और संवादहीनता के आरोप लगा रहे हैं. जिसके चलते वो आंदोलन करने पर मजबूर हैं. समय-समय पर कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं. कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार इस बार बजट में वेतन कटौती और वेतन विसंगति जैसी प्रमुख मांग को गंभीरता से लेकर कुछ सकारात्मक कदम उठाएगी.
वेतन कटौती और वेतन विसंगति दूर करने की मांग
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री तेज सिंह राठौड़ ने कहा कि कोरोना में सरकार के साथ साथ कंन्धे से कंधा मिलाकर कर्मचारियों ने काम किया. 2017 की वेतन कटौती वापस लेने, स्थगित वेतन देने, सरेंडर लीव पर रोक हटाने, सातवें वेतन आयोग से वंचित विभागों को लाभ देने, संविदाकर्मियों को स्थायी करने जैसे मुद्दों पर बजट में सरकार से आस है कि कुछ कदम उठाएगी.
उन्होंने कहा कि कोरोना में कर्मचारियों ने सरकार को हर तरह का समर्थन दिया. फिर चाहे वह वेतन कटौती से जुड़ा हुआ हो या फिर संक्रमण के बीच काम करने का जोखिम हो. राठौड़ ने कहा कि अगर सरकार वेतन कटौती और वेतन विसंगति समस्या को बजट में एड्रेस करती है तो कर्मचारियों की आधी से ज्यादा समस्या खत्म हो जाएगी.
मांगे नहीं हुई पूरी तो आंदोलन होगा
पशु चिकित्सक कर्मचारी संघ के संरक्षक केके गुप्ता ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में लगता है कि सरकार कर्मचारियों को लेकर नकारात्मक स्थिति में चल रही है. इसका बड़ा उदाहरण है संविदा कर्मचारी, पटवारी, ग्राम सेवक, पंचायत सहायक, पशुपालक संघ सहित करीब-करीब सभी कर्मचारी संघ सड़कों पर हैं. कर्मचारियों ने कई बार अपनी मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन दिया लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी स्थितियां नहीं बदली हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार बजट में कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा.
पटवार संघ को पे ग्रेड की उम्मीद
कोरोना में फ्रंट वॉरियर्स के रूप में काम करने वाला पटवार संघ पहले ही अपनी पे ग्रेड सहित तीन सूत्री मांगों को लेकर जयपुर में आंदोलन कर रहा है. पटवार संघ भी इस बजट से उम्मीद लगाए बैठा है. पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र निम्मीवाल ने कहा कि पटवार संघ अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहा है. कई बार सरकार के सामने अलग-अलग तरीके से अपनी मांग रख चुके हैं. 15 फरवरी से जयपुर में हजारों की संख्या में पटवारी अपने पे ग्रेड सहित तीन सूत्री मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं. हम तब तक बैठे रहेंगे जब तक सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती.
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उन्होंने कहा कि कोरोना में हमने सरकार की हर योजना का लाभ लोगों तक बिना अपनी जान की परवाह किए पहुंचाया. ऐसे में उम्मीद है कि सरकार हमारी ग्रेड पे 3600 करने की मांग को लेकर इस बजट में घोषणा करेगी. अगर सरकार बजट में उनकी मांग पूरी नहीं करती है तो उन्हें आंदोलन करना पड़ेगा.
सहायक विकास अधिकारी संघ के पदाधिकारी मुरारीलाल ने कहा कि इस बजट से उनको खास उम्मीद है. सरकार ने चुनाव से पहले जो घोषणा पत्र जारी किया था उसे संवैधानिक सरकारी दस्तावेज बनाया है. उसमें जो जो कहा गया था उन चीजों को लागू करने की मांग हम सरकार से करते हैं. कर्मचारी संगठनों में वेतन विसंगति की जो दिक्कत है उसे सरकार पूरा करे. इसको लेकर राजस्थान के कर्मचारी डेढ़ साल से आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनावों से पहले जो वादे किए थे उन्हें पूरा करे और कर्मचारियों का शोषण बंद करे.
मंत्रालयक कर्मचारी संघ के नेता शेर सिंह ने कहा कि सरकार के सामने अपनी मांगों को लेकर कई कर्मचारी संगठन आंदोलित हैं. सरकार 24 फरवरी को अपना बजट पेश कर रही है तो उसमें कर्मचारियों की मांगों का विशेष ध्यान रखे. ज्यादातर कर्मचारी वेतन विसंगति और वेतन कटौती को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.