जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राजस्थान का बजट पेश किया. लेकिन, सीएम गहलोत अपने बजट भाषण में पेज संख्या 10 पर घोषित की गई घोषणाओं को सदन में भूलवश नहीं पढ़ सके थे. इसके चलते मुख्यमंत्री कुछ विधायकों में संशय की स्थिति बन गई थी कि बजट में तो इन घोषणाओं का जिक्र है, लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें नहीं पढ़ा. ऐसे में यह घोषणा उनके क्षेत्र में हुई है या नहीं, इसे लेकर संशय की स्थिति बन गई थी. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उस संशय को दूर करते हुए गुरुवार को प्रश्नकाल के ठीक बाद छोटी बजट घोषणाओं को सदन में पढ़ कर सामने रखा. गुरुवार को सत्ता और विपक्ष के नेताओं के बीच कई नोकझोंक की स्थिति भी बनी.
मुख्यमंत्री ने शाहपुरा (भीलवाड़ा), नोखा (बीकानेर), हिंडौन (करौली), सागवाड़ा (डूंगरपुर), सवाई माधोपुर में सीएचसी की, तो नीमकाथाना (सीकर), शिवगंज (सिरोही), बालोतरा (बाड़मेर), प्रताप नगर (जोधपुर) के चिकित्सा अस्पतालों को जिला अस्पताल में क्रमोन्नत करने की घोषणा की. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कुचामन सिटी, लाडनूं (नागौर), उदयपुरवाटी(झुंझुनू), हरना (भरतपुर), राजाखेड़ा (धौलपुर), कोलायत (बीकानेर) में 10 नवीन ट्रॉमा सेंटर खोलने की घोषणा की. इसके अलावा 40 स्वास्थ्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के भवन निर्माण 6 करोड़ की लागत से करवाई जाने की भी घोषणा सदन में की.
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मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में रोगी भार कम हो, इसके लिए कोटा में 150 बेड क्षमता के नवीन जिला चिकित्सालय की स्थापना, जोधपुर के मंडोर अस्पताल को जिला अस्पताल में क्रमोन्नत किये जाने, प्रदेश में विभिन्न अस्पतालों में कुल 1000 बेड की वृद्धि करने की घोषणा की. वहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 11000 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर के रूप में विकसित कर 12 तरह की विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध करवाई जाने की घोषणा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में 11000 हेल्थ ऑफिसर की भर्ती की जाएगी.
सदन में गूंजा क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले का मामला
राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को सहकारी बैंकों और क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियों में लोगों की जमा रकम और इसमें हुए फर्जीवाड़े का मामला उठा. इस पर मुख्यमंत्री ने विपक्ष से कहा कि इस मामले में चाहे विपक्ष आधे घंटे की चर्चा करवा ले और चाहे तो राज्य सरकार से कानून पास करवाने की मांग कर ले, हम कानून भी बनाने को तैयार हैं.
भारत माता के लिए दे सकता हूं अपनी जान: बीडी कल्ला
राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को बजट बहस के दौरान सदन में भारत माता की सौगंध भी खाई गई तो वहीं भारत माता की जय के नारे भी लगे. यही नहीं, ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने तो यह तक कह दिया कि मैं भारत माता के लिए अ पनी जान भी दे सकता हूं.
बजट बहस पर बोले राजेंद्र राठौड़
राजस्थान विधानसभा में प्रदेश का बजट पेश होने के बाद गुरुवार से सदन के भीतर इस पर सामान्य वाद-विवाद यानी बहस का दौर शुरू हुआ. इसकी शुरुआत प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ के संबोधन से हुई. राठौड़ ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जादूगर बताते हुए कहा कि जादूगर के इंद्रजाल और माया जाल में यह बजट झूठ का पुलिंदा है.
संयम लोढ़ा और शांति धारीवाल के बीच नोकझोंक
राजेंद्र राठौड़ के संबोधन के दौरान सदन में मौजूद निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बीच तीखी नोकझोंक हुई. राठौड़ जब बोल रहे थे तब संयम लोढ़ा ने उठकर जीएसटी कंपनसेशन से जुड़ा सवाल पूछ लिया और यह भी कहा कि आप केंद्र से राज्य को भरपूर मदद मिलने की बात कहते हो तो यह भी बता दो कि जीएसटी में कमी क्यों हुई.
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वहीं, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने इस दौरान राठौड़ को कहा कि आप जो आंकड़े प्रस्तुत कर रहे हो और छुपाकर किए गए हैं. धारीवाल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने करोड़ों का टांका प्रदेश सरकार पर लगा दिया है. इस बीच राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आप जीएसटी काउंसिल की बैठक में शामिल होते हो तो चुप्पी साध लेते हो वहां तो आपकी जुबान नहीं खुलती.
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राठौड़ ने कहा कि आप राजस्थान में पेट्रोल और डीजल के वैट की दरें काम नहीं कर रहे जो कि देशभर में सर्वाधिक है. इस पर सदन में हंगामा भी हुआ. इसके बाद राजेंद्र राठौड़ ने व्यंगात्मक रूप से कहा कि सभापति जी यह मुझे धमका रहे हैं आप संरक्षण दें.
राजस्थान विधानसभा इन दिनों रहेगी स्थगित, 4 मार्च तक के कामकाज का ब्यौरा पेश
राजस्थान विधानसभा में आगामी 4 मार्च तक होने वाले सदन के कामकाज को तय कर लिया गया है. 24 फरवरी को हुई विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति की बैठक का प्रतिवेदन आज विधानसभा में सदन के पटल पर रखा गया. जिसमें आगामी 4 मार्च तक सदन में किए जाने वाले कामकाज का ब्यौरा पेश किया गया.
सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने कार्य सलाहकार समिति के प्रतिवेदन को उपस्थापन के लिए सदन के पटल पर रखा. इसमें 26 और 27 और 28 फरवरी को सदन की कार्रवाई स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है.
वहीं, 2 मार्च को भी सदन की कार्यवाही नहीं होगी. इसी तरह 1 मार्च सोमवार को सदन में अनुपूरक अनुदान मांगों को रखा जाएगा और बजट पर वाद-विवाद भी चलेगा. इसके अलावा 3 मार्च को भी सदन में बजट पर वाद-विवाद का दौर जारी रहेगा. 4 मार्च को बजट पर सामान्य वाद-विवाद के बाद सरकार की ओर से सदन में जवाब पेश किया जाएगा.