जयपुर। राजस्थान सरकार के बजट में महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए की गई घोषणाओं से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नाखुश हैं. अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ ने बजट को लेकर निराशा व्यक्त की है.
संघ के प्रदेशाध्यक्ष छोटेलाल बुनकर ने कहा कि संगठन लंबे समय से सभी कार्यकर्ताओं को राज्य कर्मचारी बनाने की मांग रहा था. लेकिन बजट में इसे लेकर कोई घोषणा नहीं हुई. उम्मीद थी कि आंगनबाड़ी आशाओं का मानदेय बढ़ाया जाएगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. बुनकर ने कहा कि संगठन मांग करता है कि सरकार अपने संशोधित बजट में इस पर ध्यान दे.
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने एक ही क्षेत्र में अलग-अलग स्तर पर कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी और ANM के मध्य बेहतर समन्वय के लिए कॉमन प्लेटफॉर्म ए-3 एप को विकसित करने की घोषणा की है. बुनकर ने इस बारे में कहा इससे कार्यकर्ताओं का काम बढ़ेगा. सरकार ने कम मानदेय में उनका काम बड़ा दिया है.
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और साथिनों के प्रशिक्षण के लिए HCM रिपा, जयपुर व राज्य में स्थित अन्य राजकीय संस्थानों के माध्यम से व्यवस्था की जाएगी. साथ ही HCM रिपा जयपुर में इंदिरा गांधी महिला शोध संस्थान भी स्थापित की जाएगी.
आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लगभग 35 लाख से अधिक बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं, बालिकाओं को लगभग 800 करोड़ रुपए की राशि से पोषाहार वितरित किया जाता है. इसमें पारदर्शिता लाने के लिए पोषाहार की गुणवत्ता बढ़ाने और उसमें विविधता लाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे. संगठन के अनुसार विभाग का पूरा बजट निराशाजनक है.
उधर, बजट में महिलाओं के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं होने से महिलाओं में खासी नाराजगी देखने को मिली. समाजसेवी मनाषा राठौड़ ने कहा कि सरकार ने महिलाओं और बालिकाओं के उत्थान के लिए अनेकों बातें की, लेकिन बजट में उन्हें कोई विशेष फायदा नहीं दिया.