जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के आंकड़े कम होते ही विपक्ष में बैठी भाजपा के नेताओं, कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरना शुरू कर दिया है. खास तौर पर भाजपा के अग्रिम संगठनों ने योजनाबद्ध तरीके से इस दिशा में गहलोत सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर ली है. गुरुवार को अल्पसंख्यक मोर्चा ने सिविल लाइन्स फाटक पर विरोध प्रदर्शन कर इसका आगाज किया.
प्रदेश सरकार की कथित अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों के खिलाफ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने बीजेपी मुख्यालय से सिविल लाइन्स फाटक तक पैदल मार्च निकाला और सिविल लाइन्स फाटक पर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा कार्यकर्ताओं ने धरना भी दिया. मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सादिक खान और मोर्चा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुसैन खान के नेतृत्व में निकाले गए इस विरोध प्रदर्शन में कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां तो उड़ाई गई और यहां मौजूद पुलिसकर्मी मुख दर्शक बन इसे देखते रहे. हालांकि विरोध प्रदर्शन में पहले की तुलना में ज्यादा अधिक भीड़ नहीं थी, लेकिन जितने भी कार्यकर्ता और पदाधिकारी प्रदर्शन में मौजूद रहे. उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना बिल्कुल भी नहीं की. ढोल नगाड़े की धुनों पर सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी सिविल लाइन्स फाटक तक पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें रोक दिया. ऐसे में उन्होंने वहां पर धरना शुरू कर दिया.
मोर्चे ने सरकार के खिलाफ लगाया ये आरोप
प्रदर्शनकारी मोर्चा कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों ने गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाया. मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष सादिक खान और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुसैन खान ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान जो वादे अल्पसंख्यक समाज से सरकार ने किए थे, वे अब तक अधूरे हैं. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति मौजूदा सरकार ने बंद कर दी है. वहीं अल्पसंख्यक छात्रों को दिया जाने वाला हायर एजुकेशन लोन भी बंद पड़ा है. इसी तरह राजस्थान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में से अधिकतर पर पीडब्ल्यूडी द्वारा किराया निर्धारण कर दिया गया, जिसका 21 करोड़ रुपए सरकार पर बकाया है, लेकिन वो अब तक नहीं दिया गया और न ही इस ओर ध्यान दिया जा रहा है.
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सादिक खान और हुसैन खान ने यह भी कहा कि आरपीएससी में किसी भी मुस्लिम समाज के व्यक्ति को सदस्य तक नहीं बनाया गया. वहीं मौजूदा सरकार उर्दू भाषा को तृतीय भाषा के रूप में मान्यता समाप्त करने की तैयारी में भी है. इनका आरोप था कि पिछले 2 वर्षों से अल्पसंख्यकों से जुड़े निगम और बोर्ड का गठन भी नहीं किया गया, जबकि हज जैसे मुकद्दस सफर में फॉर्म भरने का काम चालू हो चुका है.
बता दें कि अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से सभी जिला मुख्यालय पर कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया जा रहा है, जबकि जयपुर में मोर्चा पदाधिकारियों ने सिविल लाइंस फाटक पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.
अन्य मोर्चे बना रहे विरोध प्रदर्शन की योजना
अल्पसंख्यक मोर्चा ने प्रदेश सरकार के खिलाफ गुरुवार को हल्ला बोल कार्यक्रम किया, तो वहीं बचे हुए अन्य मोर्चे विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रमों की तैयारी में जुटे हैं. संभवतः अगले सप्ताह से बचे हुए मोर्चे क्रमवार प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे. खासतौर पर युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अनुसूचित जाति और जनजाति मोर्चा व किसान मोर्चा इसकी तैयारी में जुटा है.