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Udaipur Murder Case : भाजपा ने की PFI को प्रतिबंधित करने की मांग, कांग्रेस ने कहा- मोदी सरकार क्यों नहीं लगाती बैन...

उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद भाजपा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही (BJP demands ban on PFI) है. जबकि कांग्रेस का कहना है कि अगर संगठन की भूमिका संदिग्ध है तो केंद्र सरकार इस पर बैन क्यों नहीं लगाती है. दूसरी तरफ भाजपा का कहना है कि पहले राज्य सरकार प्रतिबंध लगाए, जब केंद्र को लगेगा तब वह अपनी तरफ से भी बैन लगा देगा.

Rajasthan BJP demands ban on PFI, Congress asked Centre to do the same
उदयपुर हत्याकांड के बाद भाजपा ने की पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग, कांग्रेस ने कहा- मोदी सरकार क्यों नहीं लगाती..
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Published : Jul 18, 2022, 6:17 PM IST

जयपुर. उदयपुर में कन्हैयालाल की निर्मम हत्या के बाद भाजपा ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की मांग भले ही तेज कर दी हो, लेकिन कांग्रेस नेता अब इसी मामले में भाजपा से सवाल पूछ रहे हैं कि मोदी सरकार पीएफआई को बैन क्यों नहीं करती. आखिर केंद्र सरकार को किसने रोका है.

दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव मतदान के दौरान मीडिया से मुखातिब हुए भाजपा नेताओं ने उदयपुर हत्याकांड मामले में (Popular Front of India) पीएफआई की संदिग्ध भूमिका को लेकर सवाल खड़े किए और अपनी पुरानी मांग दोहराते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. इसी मामले पर कांग्रेस नेताओं से जब सवाल किए गए तो कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दो टूक शब्दों में कहा कि पीएफआई को केंद्र सरकार प्रतिबंधित क्यों नहीं करती, आखिर उसे किसने रोका है.

पढ़ें: राजस्थानः गहलोत के मंत्री खाचरियावास बोले, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर लगे प्रतिबंध

खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस इस मांग को लगातार आगे करती है जिससे पोलराइजेशन किया जा सके. खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी के लोग और प्रधानमंत्री बयान तो बड़े-बड़े देते हैं, लेकिन इस पूरे मामले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कर रही है और उसके पास अधिकार है कि यदि किसी मामले में संदेह है तो वो उस संगठन पर प्रतिबंध (Congress asked Centre to ban PFI) लगाए. लेकिन बीजेपी और केंद्र सरकार की मंशा तो केवल वोट बैंक की राजनीति करके सांप्रदायिकता भड़काना है. खाचरियावास ने यह भी कहा कि उदयपुर हत्याकांड में राजस्थान पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोषी अपराधियों को गिरफ्तार भी किया, लेकिन एनआईए ने अब तक इस मामले में क्या किया.

पढ़ें: राजस्थानः भीलवाड़ा में PFI के पूर्व पदाधिकारी को जेल, मोबाइल फोन में पाकिस्तानी कोड से जुड़े नंबर मिले

एनआईए ने राज्य सरकार को नहीं दी किसी संगठन को लेकर जानकारी : वहीं, जलदाय मंत्री महेश जोशी ने उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में पीएफआई के संबंधों पर कहा कि एनआईए की जांच में इस बारे में क्या तथ्य सामने आए. इसकी जानकारी ना तो केंद्र सरकार और ना ही संबंधित जांच एजेंसी ने राज्य सरकार को दी है. जोशी ने कहा केंद्र सरकार कि अपनी स्वतंत्र एजेंसी है और यदि किसी संगठन का अंतरराष्ट्रीय संगठनों से संबंध है, तो उस पर कार्रवाई भी एनआईए को करने का अधिकार है.

किसने क्या कहा, सुनिए...

भाजपा बोली पहले राज्य सरकार लगाए प्रतिबंध : वहीं, राजस्थान भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने अपने बयानों में पीएफआई जैसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की मांग की लेकिन जब उनसे केंद्र सरकार द्वारा इस दिशा में अब तक कोई कार्रवाई नहीं करने से जुड़ा सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि जब केंद्र को लगेगा कि अपने स्तर पर ऐसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की कार्रवाई की जाना चाहिए तब केंद्र सरकार भी इसके लिए कदम उठाएगी. शर्मा ने कहा हम तो मांग करते हैं किस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त सभी संगठनों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए.

पढ़ें: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नेशनल हेल्थ कैंपेन 30 तक, स्वास्थ्य जागरूकता दौड़ से हुआ आगाज

गौरतलब है कि पिछले दिनों उदयपुर में कन्हैयालाल नाम के व्यक्ति की 2 लोगों ने उसकी दुकान में घुसकर गला काट कर निर्मम हत्या कर दी थी. इसका वीडियो वायरल कर अपना बयान जारी किया था. हालांकि, तब पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अपराधियों को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन उसके बाद इस घटनाक्रम को आतंकी संगठनों से जोड़ते हुए कई प्रकार की बातें सामने आई थीं. भाजपा ने पीएफआई जैसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की मांग भी की थी.

जयपुर. उदयपुर में कन्हैयालाल की निर्मम हत्या के बाद भाजपा ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की मांग भले ही तेज कर दी हो, लेकिन कांग्रेस नेता अब इसी मामले में भाजपा से सवाल पूछ रहे हैं कि मोदी सरकार पीएफआई को बैन क्यों नहीं करती. आखिर केंद्र सरकार को किसने रोका है.

दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव मतदान के दौरान मीडिया से मुखातिब हुए भाजपा नेताओं ने उदयपुर हत्याकांड मामले में (Popular Front of India) पीएफआई की संदिग्ध भूमिका को लेकर सवाल खड़े किए और अपनी पुरानी मांग दोहराते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. इसी मामले पर कांग्रेस नेताओं से जब सवाल किए गए तो कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दो टूक शब्दों में कहा कि पीएफआई को केंद्र सरकार प्रतिबंधित क्यों नहीं करती, आखिर उसे किसने रोका है.

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खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस इस मांग को लगातार आगे करती है जिससे पोलराइजेशन किया जा सके. खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी के लोग और प्रधानमंत्री बयान तो बड़े-बड़े देते हैं, लेकिन इस पूरे मामले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कर रही है और उसके पास अधिकार है कि यदि किसी मामले में संदेह है तो वो उस संगठन पर प्रतिबंध (Congress asked Centre to ban PFI) लगाए. लेकिन बीजेपी और केंद्र सरकार की मंशा तो केवल वोट बैंक की राजनीति करके सांप्रदायिकता भड़काना है. खाचरियावास ने यह भी कहा कि उदयपुर हत्याकांड में राजस्थान पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोषी अपराधियों को गिरफ्तार भी किया, लेकिन एनआईए ने अब तक इस मामले में क्या किया.

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एनआईए ने राज्य सरकार को नहीं दी किसी संगठन को लेकर जानकारी : वहीं, जलदाय मंत्री महेश जोशी ने उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में पीएफआई के संबंधों पर कहा कि एनआईए की जांच में इस बारे में क्या तथ्य सामने आए. इसकी जानकारी ना तो केंद्र सरकार और ना ही संबंधित जांच एजेंसी ने राज्य सरकार को दी है. जोशी ने कहा केंद्र सरकार कि अपनी स्वतंत्र एजेंसी है और यदि किसी संगठन का अंतरराष्ट्रीय संगठनों से संबंध है, तो उस पर कार्रवाई भी एनआईए को करने का अधिकार है.

किसने क्या कहा, सुनिए...

भाजपा बोली पहले राज्य सरकार लगाए प्रतिबंध : वहीं, राजस्थान भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने अपने बयानों में पीएफआई जैसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की मांग की लेकिन जब उनसे केंद्र सरकार द्वारा इस दिशा में अब तक कोई कार्रवाई नहीं करने से जुड़ा सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि जब केंद्र को लगेगा कि अपने स्तर पर ऐसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की कार्रवाई की जाना चाहिए तब केंद्र सरकार भी इसके लिए कदम उठाएगी. शर्मा ने कहा हम तो मांग करते हैं किस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त सभी संगठनों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए.

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गौरतलब है कि पिछले दिनों उदयपुर में कन्हैयालाल नाम के व्यक्ति की 2 लोगों ने उसकी दुकान में घुसकर गला काट कर निर्मम हत्या कर दी थी. इसका वीडियो वायरल कर अपना बयान जारी किया था. हालांकि, तब पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अपराधियों को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन उसके बाद इस घटनाक्रम को आतंकी संगठनों से जोड़ते हुए कई प्रकार की बातें सामने आई थीं. भाजपा ने पीएफआई जैसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की मांग भी की थी.

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