जयपुर. राजस्थान में पक्षियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है. प्रदेश में अब तक 4,390 पक्षियों की मौत हो चुकी है और करीब 16 जिले बर्ड फ्लू से प्रभावित हुए हैं. प्रदेश में 26 जिलों से 251 सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब में भेजे जा चुके हैं. 12 जनवरी को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 16 जिलों में 62 नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं.
क्या कहते हैं आज के आंकड़े...
जयपुर में एक दिन में ही 122 पक्षियों की मौत हुई है, जिनमें से 104 कौए, 3 कबूतर और 15 अन्य पक्षियों की मौत हुई है. जयपुर में अब तक 686 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिनमें 808 कौए, 4 मोर, 30 कबूतर, 4 मुर्गी और 48 अन्य पक्षी शामिल हैं. पूरे प्रदेश की बात की जाए तो आज यानी 13 जनवरी को जयपुर में 122, अलवर में 5, झुंझुनू में 72, भीलवाड़ा में 10, नागौर में 4, कुचामन सिटी में 4, टोंक में 9, भरतपुर में 9, धौलपुर में 1, करौली में 6, सवाई माधोपुर में 8, बीकानेर में 9, जोधपुर में 12, बाड़मेर में 11, जालोर में 1, पाली में 12, सिरोही में 1, कोटा में 47, बारां में 38, बूंदी में 15, झालावाड़ में 34, बांसवाड़ा में 2 और चित्तौड़गढ़ में 11 पक्षियों की मौत हुई है.
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प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों में विशेष निगरानी और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. मृत पक्षियों के डिस्पोजल और सैंपल कलेक्शन के दौरान पूर्ण सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. जयपुर चिड़ियाघर में 4 पक्षियों की मौत होने के बाद वन विभाग ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. वहीं, रोजाना दिन में हाइपोक्लोराइट सोडियम का छिड़काव किया जा रहा है और पर्यटकों के लिए चिड़ियाघर को बंद भी किया गया है. इसके साथ ही वनकर्मियों को पीपीई किट पहनकर पक्षियों की देखरेख करने के लिए निर्देशित किया गया है. पशुपालन विभाग, वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाई है. पोल्ट्री फार्म पर विशेष निगरानी रखी जा रही है.
सबसे पहले झालावाड़ में हुई थी बर्ड फ्लू की पुष्टि...
25 दिसंबर को पहली बार झालावाड़ में कौए के मरने की सूचना मिली थी. जिसके बाद 27 दिसंबर को मरने के कारणों की जांच के लिए सैंपल भोपाल में भेजे गए, जहां बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई. इसके बाद लगातार प्रदेश में कौओं के मरने के मामले सामने आ रहे हैं.
पक्षी विशेषज्ञ की अपील...
पक्षी विशेषज्ञ महेश तिवारी ने आम जनता से अपील की है कि फिलहाल पक्षियों को ऐसे स्थानों पर दाना ना डालें, जहां पर ज्यादा संख्या में पक्षी पहुंचते हों. ऐसी स्थिति में उन्हें संक्रमण का डर बना रहता है. उन्होंने अपील की है कि सभी लोग स्वयं की भी सुरक्षा करें, क्योंकि बर्ड फ्लू इंसानों में भी फैलने का खतरा रहता है. पक्षियों को समूह में दाना नहीं डालें, अपने घरों की छत पर दाना डालें.