जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को व्यावहारिक रूप से लागू करने में राजस्थान अग्रणी बने. उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को नई शिक्षा नीति के बिन्दुओं का बारीकी से अध्ययन कर उसे लागू करने और उसी के अनुरूप प्रदेश में भविष्य की शिक्षा का स्वरूप निर्धारित करने का भी आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी विश्वविद्यालय भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपना ‘विजनरी व्यू’ तैयार करे. उन्होंने प्रदेश में विश्वविद्यालयों को स्वयं के संसाधन विकसित कर आत्मनिर्भर बनने के प्रयास भी वृहद स्तर पर किए जाने का आह्वान किया. राज्यपाल मिश्र यहां राजभवन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और अनलॉक गाइडलाइन के क्रियान्वयन संबधित ऑनलाइन बैठक में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण आत्मनिर्भर भारत बनने की सोच से किया गया है, इसी को दृष्टिगत रखते विश्वविद्यालय कार्य करें.
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मिश्र ने कहा कि शब्द में अपार शक्ति होती है. शब्द व्यक्ति के अंदर के आत्मविश्वास को बढ़ाने का कार्य करते हैं. नई शिक्षा नीति में इसीलिए हिन्दी भाषा और क्षेत्रीय भाषाओं के साथ ही स्थानीय रीत-रिवाज, पर्यावरण, सभ्यता और संस्कृति पर विशेष ध्यान दिया गया है. विश्वविद्यालय इस अनुरूप अपने यहां वातावरण निर्माण करें.
मिश्र ने बुधवार को प्रदेश के 11 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के विचार ध्यान से सुने और कहा कि इनके आधार पर जो निष्कर्ष निकलते हैं इनके साथ और क्या व्यावहारिक हो सकता है, इस पर राजभवन से विस्तृत निर्देश भेजे जाएंगे. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को व्यावहारिक स्वरूप कैसे प्रदान करेंगे, इसके केन्द्र विश्वविद्यालय ही हैं. इसलिए सभी विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति की मनोभावना को समझते हुए इसको लागू करने का प्रयास अपने यहां करें.
राज्यपाल मिश्र ने विश्वविद्यालयों में विषयों की शिक्षा प्रदान करते समय विद्यार्थियों की मानसिकता में आत्मनिर्भर होने की भावना पैदा करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि अध्ययन में इस तरह के संस्कार जोड़े जाएंगे तो उसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे. उन्होंने कुलपतियों का आह्वान किया कि वे नई शिक्षा नीति को सूक्ष्मता से समझते हुए, उसकी भावना में उतरते हुए उसे लागू करने के प्रयास करें.
उन्होंने विद्यार्थियों के ‘स्कील डवलपमेंट’ के जरिए उनके सर्वांगीण विकास पर ध्यान देने पर भी जोर दिया. शिक्षा में आरम्भ से ही स्वावलम्बन पर ध्यान देना जरूरी है. बच्चों में नवाचारों के प्रति रूझान हो, इनोवेटिव आईडियाज बच्चे हर कार्य में अपनाएं, इस तरह की शिक्षा पर हमारा फोकस हो, तभी व्यवहार में नई शिक्षा नीति लागू हो सकेगी.
मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने यहां उपलब्ध संसाधनों का समुचित सदुपयोग करें साथ ही और आर्थिक स्त्रोत विकसित करने पर भी ध्यान दें. उन्होंने विश्वविद्यालयों को अपनी आर्थिक सुदृढ़ता रखने के लिए वित्तीय संसाधनों के अन्य विकल्प भी खोजे जाने पर जोर दिया. उन्होंने सौर ऊर्जा, वर्षा पानी संरक्षण पर भी विश्वविद्यालयों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई. विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रमों के अद्यतन, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्टीय संस्थाओं के साथ अपने को जोड़ने, विशिष्ट नवाचार अपनाते हुए शैक्षिक गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के साथ ही सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ शैक्षिक कार्यक्रमों को लागू किए जाने का आह्वान किया.
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बैठक में विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए क्या-क्या करना है, किस तरह से किया जाएगा-इसकी चैक लिस्ट तैयार करने और विश्वविद्यालयों को अपनी स्वयं की निधियां बढ़ाने तथा उपलब्ध संसाधनों के समुचित सदुपयोग पर भी जोर दिया.
शहीद पुलिसकर्मियों की शहादत को नमन
राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को पुलिस स्मृति दिवस पर आम जन की सुरक्षा, शांति और सद्भाव के लिए कार्य करते, कर्तव्य के लिए अपना जीवन तक कुर्बान कर देने वाले शहीद पुलिसकर्मियों की शहादत को नमन किया. बुधवार को राज्यपाल मिश्र ने शहीद पुलिसकर्मियों के प्रति अपना सम्मान, आभार और श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए उनके योगदान को याद किया. उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा में अपने प्राणों तक को न्योछावर करने वाले शहीद पुलिसकर्मियों का बलिदान और सेवाएं सदैव स्मरणीय रहेगी.